खेल कोई भी हो, भारत-पाकिस्तान मैच रोंगटे खड़े कर देता है…अब है हॉकी में मुक़ाबला

Date:

Share post:

कहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच अगर गुल्ली-डंडे का मैच हो जाए तो
भी उसका रोमांच हर किसी के सिर चढ़कर बोलेगा। बुधवार को रात आठ बजे इन
दोनों टीमों के बीच हॉकी का मैच है। फर्क सिर्फ इतना है कि एशियाई
चैम्पियंस ट्रॉफी के अंतर्गत खेले जाने वाले इस मैच में भारत सेमीफाइनल
में पहुंच चुका है जबकि पाकिस्तान छह टीमों की पॉइंट्स टेबल में चौथे
नम्बर पर है। इसीसे दोनों टीमों के बीच बड़े अंतर का अंदाज़ा लगाया जा
सकता है।

वैसे इस टूर्नामेंट को एशियाई खेलों का ड्रेस रिहर्सल कहा जा सकता है।
एशियाई खेलों का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि यहां हॉकी का गोल्ड जीतने
का मतलब पेरिस ओलिम्पिक
का टिकट कटना है। अभी तक भारतीय टीम टॉप पर रहकर न सिर्फ सेमीफाइनल के
लिए अपनी जगह पक्की कर चुकी है बल्कि उसने इस प्रदर्शन से आगे के लिए
उम्मीदें भी जगाई हैं।

अब बारी पाकिस्तान से भिड़ने की है। बेशक पुराने रिकॉर्डों के मद्देनज़र
यह टीम भारत की चिर प्रतिद्वंद्वी टीम है लेकिन सच यह है कि इस टीम को
ओलिम्पिक मेडल जीते हुए 31 साल हो चुके हैं जबकि रियो और टोक्यो के पिछले
आयोजनों मे यह टीम क्वॉलीफाई भी नहीं कर पाई। इस बार छह टीमों में उसके
सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें इसलिए बनी है क्योंकि जापान और चीन की
टीमों ने खराब प्रदर्शन किया है। उसे अंतिम 4 के लिए भारत से ड्रॉ खेलना
ही काफी रहेगा। यह टीम चार मैचों में सिर्फ एक ही जीत पाई है जिसमें उसने
सात गोल किए और आठ गोल उसके खिलाफ हुए। वहीं भारतीय टीम ने चार मैचों में
तीन में जीत हासिल की जबकि जापान के खिलाफ उसका मैच ड़्रॉ रहा। इन चार
मैचों में भारत ने कुल कुल 16 गोल किए जबकि पांच गोल उसके खिलाफ हुए।

अभी तक भारतीय टीम के खिलाड़ियों के बीच आपसी तालमेल की बातें कहीं जाती
थीं लेकिन अब टीम के साउथ अफ्रीकी कोच क्रेग फुलटन और खिलाड़ियों के बीच
रणनीति को लेकर तालमेल की काफी कमी दिखने लगी है। भारतीय खिलाड़ी अटैकिंग
माइंडसेट से खेलने के लिए जाने जाते हैं। टीम कभी पांच फॉरवर्ड वाली
अटैकिंग हॉकी खेलती थी लेकिन इसके बाद यूरोपीय शैली अपनाने के बावजूद टीम
ने अपने अटैकिंग खेल को नहीं छोड़ा। मगर फुल्टन की सोच बिल्कुल अलग है।
उनका मानना है कि लगातार अटैक करने से जवाबी हमलों का खतरा रहता है इसलिए
वह खासकर मध्य पंक्ति के खिलाड़ियों की दोहरी भूमिका पर ज़ोर दे रहे हैं।
उनकी राय में अटैकिंग मिडफील्डर ठीक है लेकिन डिफेंसिव मिडफील्डर और भी
ज़्यादा ठीक है। पिछले दिनों टीम के मिडफील्डर नीलकांत शर्मा ने कहा भी
था कि भारतीय खिलाड़ी इस नए माइंडसेट से खेलने को लेकर दुविधा में हैं।
यही वजह है कि कई मौकों पर मध्य पंक्ति के खिलाड़ी अपनी सही पोज़ीशन पर
नहीं होते जिसका फायदा खासकर साउथ कोरियाई खिलाड़ी किम सुंगयोन ने गोल
करके उठाया।

वैसे इस टूर्नामेंट के पहले दो आयोजनों में ये दोनों टीमें फाइनल में एक
दूसरे को हरा चुकी हैं। तीसरे आयोजन में पाकिस्तान चैम्पियन बना तो चौथे
में भारत। वहीं पांचवें मौके पर दोनों टीमें संयुक्त विजेता रहीं। पिछले
आयोजन में भारत ने पाकिस्तान को तीसरे स्थान के मैच में हराया। यह पिछले
साल एशिया कप के बाद दोनों टीमों के बीच पहला मुक़ाबला है। तब दोनों
टीमें 1-1 से बराबर रही थीं। इस टूर्नामेंट में दस मैचों में भारत ने
पाकिस्तान को छह बार और पाकिस्तान ने भारत को दो बार हराया है। हरमनप्रीत
सिंह पांच गोल के साथ टॉप स्कोरर हैं तो वहीं पाकिस्तान के लिए मोहम्मद
खान अभी तक स्टार खिलाड़ी साबित हुए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

National Sports Awards 2025: Honoring India’s Sporting Legends and Inspiring the Future

On January 17, 2025, a grand ceremony at Rashtrapati Bhavan, New Delhi, celebrated the stellar achievements of India’s...

संजू सैमसन की चैम्पियंस ट्रॉफी में वापसी के रास्ते में एक रोड़ा

आयुषी सिंह संजू सैमसन की चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में जगह तय नहीं है। उनकी संभावनाओं पर सवाल खड़े हो...

आठ साल बाद करुण नायर की हो सकती है भारतीय टीम में वापसी

अनीशा कुमारी क्या करुण नायर की भारतीय टीम में वापसी हो सकती है। ये सवाल इन दिनों क्रिकेट प्रेमियों...

बीसीसीआई ने बनाए दस नियम, पालन नहीं किया तो हो सकते हैं आईपीएल से बाहर

  अनीशा कुमारी बीसीसीआई ने भारतीय खिलाड़ियों के लिए दस नियमों को जारी कर दिया है। साथ ही यह शर्त भी...