पाकिस्तान के क्रिकेट हलकों में इन दिनों सबसे अधिक चर्चा इस बात को लेकर है कि आईपीएल ने पाकिस्तान के क्रिकेट को बर्बाद कर दिया है। वह हक़ीकत को समझने लगे हैं। कभी न्यूज़ीलैंड तो कभी साउथ अफ्रीका का पाकिस्तान
दौरे पर दोयम दर्जे की टीम भेजना तो कभी उसके खिलाड़ियों की आईपीएल सहित उन फ्रेंचाइज़ी लीगों में अनदेखी होना, जहां के टीम ओनर भारतीय हैं।
इस समय न्यूज़ीलैंड के नौ खिलाड़ी आईपीएल में व्यस्त हैं। रचिन रवींद्र, डेरेल मिचेल, मिचेल सेंटनर चेन्नई सुपरकिंग्स में हैं, केन विलियम्सन गुजरात टाइटंस में, ट्रेंट बोल्ट राजस्थान रॉयल्स में, मैट हेनरी लखनऊ सुपरजायंट्स में, ग्लेन फिलिप्स एसआरएच में और लॉकी फर्ग्यूसन आरसीबी में हैं। हालांकि डेवन कॉन्वे भी चेन्नई टीम में हैं लेकिन वह इंजरी की वजह
से उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में न्यूज़ीलैंड की जो टीम पाकिस्तान गई हैं, उसके स्तर का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इससे क्या ही होगी, पाकिस्तान की तैयारी। पिछले साल साउथ अफ्रीका की टीम जब पाकिस्तान के दौरे पर गई थी, तब भी उसके कई प्रमुख खिलाड़ी आईपीएल खेल रहे थे।
पाकिस्तानी अवाम को लगता है कि आईपीएल उसके देश की क्रिकेट और उसके खिलाड़ियों को आगे नहीं बढ़ने दे रहा। पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए आईपीएल के दरवाज़े लम्बे समय से बंद हैं जबकि साउथ अफ्रीका 20 लीग और
यूएई टी-20 लीग में भी तमाम टीमों के मालिक भारतीय होने की वजह से पाकिस्तानी खिलाड़ियों को महत्व नहीं मिल पा रहा। साउथ अफ्रीका टी-20 लीग की पांच फ्रेंचाइज़ी टीमों में सीएसके के पास जोहानिसबर्ग, राजस्थान रॉयल्स के पास पर्ल, दिल्ली कैपिटल्स के पास प्रिटोरिया, सनराइज़र्स हैदराबाद के पास ईस्टर्न केप और मुम्बई इंडियंस के पास केपटाउन टीमों की फ्रेंचाइज़ी हैं। इस बात से भी पाकिस्तानी क्रिकेटर खासे निराश हैं।
अब यहां यह भी मानना होगा कि पीएसएल को लेकर भी पीसीबी बहुत अनुशासित नहीं है। तमाम मुल्कों के खिलाड़ी समय पर पैसा न मिलने की वजह से खासे परेशान रहते हैं। दूसरे, इस लीग में भाग लेने के लिए उतनी आकर्षक धनराशि
भी नहीं मिल पाती। प्लेटिनम प्लेट के अंतर्गत आने वाले टॉप खिलाड़ियों को एक लाख 30 हज़ार डॉलर यानी तकरीबन एक करोड़ 42 लाख रुपये की राशि ही मिल पाती है जबकि इसकी तुलना में आईपीएल में मिचेल स्टार्क को ही पौने 25
करोड़ और पैट कमिंस को 20 करोड़ 50 लाख की मोटी रकम मिल जाती है। विराट कोहली, केएल राहुल और रोहित शर्मा को ही 16 से 17 करोड़ रुपये की राशि मिलती है जबकि इसकी तुलना में बाबर आज़म और शाहीन शाह आफरीदी को ही डेढ़ करोड़ रुपये से भी कम राशि मिलती है।
दरअसल कभी पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए भी आपीएल के दरवाज़े खुले थे। 2008 में केकेआर की तरफ से शोएब अख्तर, सलमान बट, उमर गुल और मोहम्मद हफीज़ ने भाग लिया। सोहेल तनवीर, कामरान अकमल, यूनिस खान राजस्थान रॉयल्स से, शोएब मलिक, मोहम्मद आसिफ दिल्ली डेयरडेविल्स (उस समय यही नाम था) और मिस्बा उल हक आरसीबी से खेला करते थे। मगर 2008 में मुम्बई में हुए आतंकी हमले के बाद से बीसीसीआई ने आईपीएल के दरवाज़े पाकिस्तानी खिलाड़ियो के लिए बंद कर दिए।