नमन गर्ग
आंध्र प्रदेश के अनंतपुर शहर दिलीप ट्रॉफी की मेजबानी करेगा । यह मैदान का नाम रूरल डेवलपमेंट ट्रस्ट स्टेडियम है जिसकी पिच तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल है। यह मैदान इस साल दिलीप ट्रॉफी के पांच मुकाबले की मेजबानी करेगा, जो बहुत आश्चर्यजनक है क्योंकि यह मैदान दिलीप ट्रॉफी के मुकाबलों के लिए 10 साल से नजरअंदाज था।
इस बार स्थिति अलग है क्योंकि बीसीसीआई बॉर्डर गावसकर ट्रॉफी से पहले अपने खिलाड़ियों को उछाल भरी पिच के लिए तैयार करना चाहता है। इस बार इस पिच को पर्थ की पिच को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। यह मैदान में तेज गेंदबाज स्पिनर के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन दे रहे हैं, जो भारत में बहुत कम दिखाई देता है । इस मैदान का ओनर बोर्ड तेज गेंदबाजों के नाम से सजा हुआ है। कर्नाटक के केपी अपन्ना ही एकमात्र स्पिनर हैं, जिन्होंने इस मैदान पर पंजा लगाया है। बाकी 15 खिलाड़ी सभी तेज गेंदबाज हैं । गरीब और अविकसित होने के बावजूद अनंतपुर क्रिकेट के लिए बहुत गौरवशाली शहर रहा है।
डेवलपमेंट ट्रस्ट के डायरेक्टर मौचो फरेर रूरल ने कहा कि यह मैदान इंटर डिस्ट्रिक्ट और इंटरस्टेट मैचों के लिए काम आता रहा है। हालांकि यहां पर हाई लेवल क्रिकेट ना के बराबर होता है। आने वाली दिलीप ट्रॉफी एक बड़ा अवसर होगा क्योंकि 11 साल बाद अनंतपुर में फर्स्ट क्लास के मैच होंगे। 2004 से 2013 तक इस मैदान में 15 मुकाबले हुए हैं जहां तेज गेंदबाजों ने 345 विकेट चटकाए हैं और उसके मुकाबले स्पिनर ने सिर्फ 96 विकेट हासिल की है । इस ग्राउंड की पिच लगभग ऑस्ट्रेलिया की पिच जैसी है। सुविधाओं की कमी होने के बावजूद इस पिच को पिच क्यूरेटर ने अच्छा बनाकर रखा है जो अधिक तापमान को भी झेल सकती है। भारत के बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए अच्छा अभ्यास होगा । इस पिच से क्योंकि साल के अंत में भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है। मोहम्मद सिराज भारतीय पेस अटैक के तुरुप के इक्के हैं। वह इन मैचों को अच्छे से भुनाना चाहेंगे। खलील अहमद, अर्शदीप सिंह और प्रसिद्ध कृष्ण इन मैचों से अपनी टीम में जगह बनाना चाहेंगे । इस सीरीज की उत्सुकता वैसे ही बहुत है क्योंकि पर्थ स्टेडियम पहला मैच मेजबानी करेगा जिसे दुनिया की सबसे तेज पिच कहा जाता है। गाबा और मेलबर्न भी लगभग भारत के लिए ऐसे ही चुनौती होगा ।