पाकिस्तान टीम को ध्यान रखनी होंगी ये पांच बड़ी बातें

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पाकिस्तान की टीम अपने तीसरे टी-20 मैच में न्यूज़ीलैंड की उस टीम से हार गई जिसमें बड़े बड़े सूरमा नहीं थे। ये सूरमा या तो आईपीएल में व्यस्त हैं और जो उपलब्ध थे, उनमें से कई फिट नहीं थे। पहला मैच बारिश में धुल जाने के बाद दूसरे में पाकिस्तान की गेंदबाज़ी शानदार रही। मगर तीसरे में न उसकी बल्लेबाज़ी चली, न गेंदबाज़ी चली और रही सही कसर फील्डिंग ने पूरी कर दी।

ऐसा देखा गया है कि पाकिस्तान के तेज़ गेंदबाज़ शाहीन शाह आफरीदी जब पॉवरप्ले में विकेट नहीं ले पाते तो पाकिस्तान की टीम जूझती हुई दिखाई देती है। रावलपिंडी के तीसरे टी-20 मैच में भी कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला। इतना ही नहीं, उनका पारी का 15वां और नसीम शाह के 16वें ओवर ने पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ा दीं। इन ओवरों में आफरीदी ने 17 और नसीम ने 23 रन खर्च किए। दोनों ओवरों में ही ये दोनों गेंदबाज़ या तो स्लॉट पर गेंद करते देखे गए या फिर उस स्पॉट पर गेंद करते देखे गए जहां से स्ट्रोक के लिए जगह बनाने के पर्याप्त मौके मिल रहे थे।

मोहम्मद आमिर और इमाद वसीम ने बेशक पाकिस्तान टीम में वापसी की हो लेकिन इनमें इमाद को अब तक एक भी मैच नहीं खिलाया गया है और आमिर को एक मैच के बाद ही बाहर कर दिया गया है। या तो आमिर को टीम में शामिल ही नहीं किया जाता, अगर किया गया है तो उन्हें पर्याप्त मौके दिए जाने चाहिए। एक मैच के बाद बाहर करने से खिलाड़ी का मनोबल भी प्रभावित होता है। यह खिलाड़ी चार साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है। उसे ज़्यादा से ज़्यादा खिलाने की ज़रूरत है।

दूसरे, बाबर और रिज़वान का माइंडसेट इस मैच में टी-20 फॉर्मेट से भटका हुआ दिखाई दिया। बाबर के साथ देखा गया है कि टीम के आधे ओवर होने के बाद भी वह अपना विकेट बचाते हुए देखे गए। बड़ा शॉट खेलने के लिए वह आज कमज़ोर गेंद का इंतज़ार करते हैं। ये दोनों तरह की सोच टेस्ट क्रिकेट के अनुकूल हैं। टी-20 में आधे ओवर टिकने के बाद भी अगर वह पॉवरहिटिंग नहीं करते तो यह सोच टीम के लिए आत्मघाती साबित हो सकती है। सच तो यह है कि बाबर और रिज़वान ने कुल दस डॉट बॉल खेलीं, जबकि आज इन दस गेंदों पर 30 से ज़्यादा रन बनते हैं।

पिछले दिनों पीएसएल में सैम अयूब ने ऑफ स्पिन गेंदबाज़ी से भी कई विकेट चटकाए थे। टी-20 वर्ल्ड कप में उनकी एक दो ओवर की गेंदबाज़ी छठे बॉलर की अहम भूमिका निभा सकती है। किसी वजह से इफ्तिखान नहीं खेले तो टीम को छठे बॉलर की ज़रूरत पड़ेगी। ऐसी स्थिति में अयूब इसकी भरपाई बखूबी कर सकते हैं।

 

 

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