~कोमल कुमारी
आजिंक्य रहाणे ने अपने 83वें टेस्ट मैच में 5000 रन पूरे किए। उन्होंने
WTC फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 89 रन की शानदार पारी खेलकर इस
उपलब्धि को हासिल किया। यह उनकी 26वीं हाफ सेंचुरी है।
रहाणे ने इस पारी में ज़बर्दस्त टेम्परामेंट दिखाया। जब जडेजा तेज़ी से
रन बना रहे थे, तब उन्होंने खुद पर संयम रखा लेकिन जब दूसरे छोर पर
शार्दुल ठाकुर आए तो उन्होंने कुछ अच्छे शॉट्स दिखाए। उस समय शार्दुल
काफी संभलकर और अपना विकेट बचाकर खेल रहे थे। जहां कैमरून ग्रीन और स्कॉट
बोलैंड पर वह ज़्यादा स्क्वेयर होकर खेले, वहीं खासकर नाथन लॉयन पर
उन्होंने अच्छे कवर ड्राइव लगाए। हालांकि ऐसे शॉट्स उन हालात में जोखिम
भरे थे लेकिन स्कोरबोर्ड को आगे बढ़ाने का भी उन पर काफी दबाव था।
रहाणे ने इससे पिछला टेस्ट जनवरी, 2022 में केपटाउन में साउथ अफ्रीका के
खिलाफ खेला था। लम्बे समय के बाद उन्होंने अपनी वापसी को यादगार बनाया और
शार्दुल के साथ सेंचुरी पार्टनरशिप करके भारत का कम से कम फॉलोऑन बचा
लिया। केपटाउन टेस्ट के बाद टीम से उन्हें बाहर कर दिया गया। बिना इस बात
से विचलित हुए उन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार पारियां खेलीं जिससे
उनका आत्मविश्वास सातवें आसमान पर था और इसीका फायदा उन्हें आईपीएल में
मिला जहां उन्होंने कई तेजतर्रार पारियां खेलीं।
उनकी यह पारी इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि रोहित शर्मा, शुभमन गिल,
विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा जैसे शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के
फ्लॉप-शो के बावजूद उन्होंने असरदार बल्लेबाज़ी की। यानी 71 रन में चार
विकेट खोने के बावजूद उन्होंने भारत की ढहती पारी को सम्भाल लिया। वह एक
तरह से ऑस्ट्रेलिया के मजबूत अटैक के सामने दीवार बनकर खड़े हो गए और
उन्होंने फाइनल के तीसरे दिन 92 गेंदों में फिफ्टी ठोक दी। उन्होंने
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में फिफ्टी जड़ने वाले पहले भारतीय
होने का भी गौरव हासिल किया।
रहाणे मुंबई के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं, जिन्होंने अपने दूसरे रणजी
सीज़न में 1089 रनों के साथ मुंबई की 38वीं खिताबी जीत में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाई थी। उनका व्यक्तित्व सरल है लेकिन जब कोई चुनौती का सामना
करना पड़ता है तो उनकी तरफ से शांत आक्रामकता सामने आती है जो शब्दों से
नहीं, उनके प्रदर्शन में देखने को मिलती है।
इस अनुभवी बल्लेबाज ने अब तक कुल 82 टेस्ट खेले। उन्हें खासकर मेलबोर्न
में बादलों से भरी परिस्थितियों में शानदार सेंचुरी के लिए भी याद किया
जाता है। इसके अलावा उन्हें टीम इंडिया के बेहतरीन फील्डर के लिए भी याद
किया जाता है। अपनी तमाम आलोचनाओं का जवाब वह अपने बल्ले से देने में
यकीन करते हैं। ओवल में भी उन्होंने ऐसा ही किया। उनसे अब निरंतर ऐसी
पारियों की उम्मीद की जा सकती है।