कभी विराट कोहली को स्पिनरों को बहुत अच्छे तरीके से खेलने वाला बल्लेबाज़ माना जाता था लेकिन पिछले कुछ समय से वह स्पिनरों के सामने जूझते दिखाई दिए हैं। कभी लेफ्ट आर्म स्पिनर तो कभी लेग स्पिनरों ने पिछले दो वर्षों में उन्हें खासा परेशान किया है। इसी आईपीएल में भी वह स्पिनरों के सामने काफी ऐहतियात बरतते हुए खेलते दिखे लेकिन पिछले तीन मैचों में उनके स्पिनरों के सामने आत्मविश्वास से भरे शॉट्स को देखकर ऐसा लगता है कि वह एक बार फिर स्पिनरों के सामने बेहतर दिखने लगे हैं।
इसकी बड़ी वजह यह है कि वह स्पिनरों पर कट शॉट और स्लॉग स्वीप बखूबी खेलने लगे हैं। स्लॉग स्वीप से गेंद को सीमा रेखा के पार भेजने से उनका आत्मविश्वास लौट आया है। गुजरात टाइटंस के लेफ्ट आर्म चाइनामैन नूर अहमद के सामने उन्होंने कट शॉट्स भी खेले और स्लॉग स्वीप भी खूब लगाए। राशिद खान पर लॉफ्टेड शॉट्स लगाने की उनकी रणनीति कारगर रही। हालांकि स्लॉग स्वीप उन्होंने आईपीएल से पहले भी लगाए हैं लेकिन आईपीएल के पिछले कुछ मैचों में उनके ये शॉट्स काफी संख्या में दिखने लगे हैं। ऐसे शॉट्स में सामान्य शॉट्स की तुलना में जोखिम ज़्यादा रहता है। अगर ऐसे ही शॉट्स ज़रूरत के हिसाब से विराट टी-20 वर्ल्ड कप में लगाते हैं तो खासकर स्पिनरों के सामने बीच के ओवरों में उन्हें रन गति बढ़ाने में मदद मिलेगी।
विराट के साथ अच्छी बात यह है कि वह स्लॉग स्वीप फ्रंट फुट के साथ ही बैकफुट पर भी लगाते हैं। इस शॉट की वजह से वह ऑन साइड पर भी खूब रन बना लेते हैं। यही विराट पिछले साल वर्ल्ड कप से पहले लगातार बाएं हाथ के स्पिनरों के सामने फंस रहे थे और उससे पहले वह एक ही तरीके से लेग स्पिनरों के सामने आउट हो रहे थे लेकिन जिस तरह उन्होंने नूर और राशिद के सामने आत्मविश्वास के साथ रन बनाए हैं। साई किशोर पर लगातार दो गेंदों पर छक्के हों या फिर लिविंगस्टन पर स्लॉग स्वीप और फ्लिक शॉट से लगाई बाउंड्री हों, ऐसे शॉट्स से उन्होंने उम्मीदें जगा दी हैं। ज़रूरत ऐसे शॉट्स पर शुरुआती ओवरों में डिग्री ऑफ रिस्क को कम करना होना चाहिए। इसके मद्देनज़र ज़ाहिर है कि वह इस बार वर्ल्ड कप में भी खूब रन बनाते दिखाई देंगे। अब मसला सिर्फ स्ट्राइक रेट ही नहीं है। ज़रूरत टिकने के साथ ही बीच के ओवरों में तेज़ी से रन बनाने की है।
दरअसल, विराट कोहली की सबसे बड़ी खूबी यही है कि वे अपनी कमज़ोरी को अपनी बड़ी ताक़त बनाना जानते हैं। आईपीएल के पहले नौ मैचों में उनका स्ट्राइक रेट स्पिनरों के सामने 123.58 था लेकिन उससे अगले तीन मैचों में उनका स्ट्राइक रेट 167.7 तक पहुंच गया। ज़रूरत इसी फॉर्म को आगे बढ़ाने की है।