अगर भारत को पाकिस्तान में खेलने में डर लगता है तो पाकिस्तान को भी भारत
में खेलने से डर लगता है। पीसीबी के अध्यक्ष नजम सेठी ने ने दो टूक कहा
कि अगर उन्हें एशिया कप के राइट्स गंवाने पड़े तो वह भी भारत में होने
वाले वर्ल्ड कप का बहिष्कार करेंगे। नजम सेठी अपने इस वक्तव्य से या तो
पाकिस्तान के ऑलटाइम ग्रेट प्रशासक बन सकते हैं या फिर वह एक बड़े मज़ाक
का पात्र भी बन सकते हैं। ऑलटाइम ग्रेट इसलिए क्योंकि अगर उनके हाईब्रिड
फॉर्मूले को स्वीकृति मिल गई तो वह एशिया कप, वर्ल्ड कप और 2025 में होने
वाली चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत के भाग लेने को लेकर एक वैकल्पिक हल
निकाल लेंगे।
मतलब साफ है कि नजम सेठी ने फ्रंट फुट इतना ज़्यादा बाहर निकालकर छक्का
लगाने की कोशिश की है कि वह इस स्ट्रोक पर अगर लपक लिए गए तो पीसीबी की
अच्छी खासी बदनामी होगी और अगर उनकी वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के मैच
न्यूट्रल वैन्यू पर कराने की बात नहीं मानी गई तो फिर वह किस मुंह से
कहेंगे कि वह भारत में खेलने के लिए तैयार हैं। ज़ाहिर है कि उनकी इस
बारे में आईसीसी और एशियाई क्रिकेट काउंसिल के अधिकारियों से ज़रूर बात
हुई होगी। वैसे भी वह पिछले काफी समय से यूएई में हैं और इन दोनों
संगठनों के अधिकारियों के सम्पर्क में हैं।
आईसीसी भी नहीं चाहेगा कि वर्ल्ड कप पाकिस्तान के बिना हो क्योंकि उसे उस
स्थिति में भारत-पाकिस्तान मैच के रेवेन्यू का अच्छा खासा नुकसान उठाना
पड़ेगा। पाकिस्तान आईसीसी की इस दुखती रग को अच्छी तरह से समझ गया है। अब
वह पाकिस्तान के 1992 के वर्ल्ड कप चैम्पियन बनने का डंका पीट रहा है।
साथ ही यह भी कि उसकी टीम इस समय दुनिया की नम्बर दो टीम है। उसने अपने
रवैये को बेहद लचीला बनाते हुए कहा है कि उसकी टीम अपने मैच ढाका,
मीरपुर, श्रीलंका और यूएई में खेलने के लिए तैयार है। इससे पहले तो
पाकिस्तान को भारत में खेलने में कोई परेशानी नहीं हुई। 1996 के वर्ल्ड
कप में पाकिस्तान की टीम भारत से अपना क्वॉर्टर फाइनल मुक़ाबला खेलने
भारत आई थी। 2011 में मोहाली और 2016 में वर्ल्ड कप में ही कोलकाता में
वह खेली थी। नजम सेठी मूलत: पत्रकार हैं और उनका दिमाग इस दिशा में खूब
चलता है।
इतना ही नहीं, अगर ब्रॉडकास्टर दो अलग-अलग देशों में एशिया कप कराने के
पक्ष में नहीं है तो इसके लिए वह ब्रॉडकास्टर के लिए दो जगह यूनिट मुहैया
कराने के लिए तैयार हैं। टीमों को चार्टर्ड विमान से भेजने का खर्च भी
उठाने को तैयार हैं। दरअसल, पीसीबी चाहता है कि उसका हाईब्रिड फॉर्मूला
हर आयोजन में लागू हो। यानी पाकिस्तान में एशिया कप हो और भारत अपने मैच
यूएई या श्रीलंका कहीं भी खेले। अब श्रीलंका, बांग्लादेश और भारत यूएई
में सितम्बर में पड़ने वाली गर्मी की वजह से वहां खेलने के लिए इच्छुक
नहीं हैं। वहीं श्रीलंका ने अपने यहां एशिया कप के मैच होने की स्थिति
में गेट मनी अपने पास रखने की इच्छा ज़ाहिर की है जिसके लिए पाकिस्तान
तैयार नहीं है क्योंकि उसके पास एशिया कप की मेजबानी के राइट्स हैं।