वेस्टइंडीज़ में मैच और पटियाला में एक शख्स के चेहरे पर उदासी…क्या है पूरा माजरा ?

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पारखी

पंजाब स्टेट पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड पटियाला में कार्यरत एक चपरासी
रामबहादुर के चेहरे पर बहुत उदासी थी। उसे किसी ने कुछ नहीं कहा था। उनका
बेटा सोमपाल कामी नेपाल की क्रिकेट टीम में इन दिनों टी-20 वर्ल्ड कप खेल
रहा है। मगर वह शानदार प्रदर्शन के बावजूद अपनी टीम को साउथ अफ्रीका के
खिलाफ मैच नहीं जिता पाया।
यह मैच सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की राजधानी में खेला जा रहा था, जो
पूर्वी कैरेबियाई द्वीप देश है। 116 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही नेपाल
की टीम जीत से कुछ ही कदम दूर थी, लेकिन नेपाल को जीत के लिए  सुपर ओवर
में एक रन की आवश्यकता थी। लेकिन तभी स्ट्राइकर गुलशन झा सिंगल लेने के
प्रयास में रन आउट हो गए क्योंकि विकेटकीपर का थ्रो उनके शरीर से टकराकर
शॉर्ट मिड-ऑन पर खड़े फील्डर के पास चला गया और झा भी झटके के बाद
लड़खड़ा गए।निराश कामी घुटनों के बल बैठ गए; टीवी पर पटियाला में यह मैच
देख रहे उनके पिता  टूट गए। निराश राम बहादुर ने कहा कि अगर आखिरी ओवर
में स्ट्राइक उनके पास होती तो सोमपाल मैच जिताकर लौटते। हालांकि कामी ने
एनरिक नोर्खिया की गेंद पर छक्का भी लगाया।  जिनके परिवार की जड़ें
गुल्मी, लुम्बिनी में हैं, 1984 में काम के लिए पंजाब के इस जिले में चले
गए, पीएसपीसीएल की नौकरी मिलने से पहले उन्होंने होटलों में सुरक्षा
गार्ड के तौर पर काम किया। इससे सोमपाल कामी को नेताजी सुभाष नेशनल
इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में प्रशिक्षण लेने का मौका मिला, जब तक कि
उन्हें अपने देश के लिए खेलने के लिए नहीं चुना गया।
रामबहादुर ने कहा ‘कम उम्र से ही कामी ने एनआईएस पटियाला में ट्रेनिंग ली
लेकिन हमें कभी एहसास नहीं हुआ कि वह कितना अच्छा है लेकिन उसे नेपाल के
लिए चुना गया और एक साल में ही उसे 2014 टी20 विश्व कप के लिए चुन लिया
गया।’शनिवार को नेपाल के इतिहास रचने की कोशिश भले ही पूरी न हो पाई हो,
लेकिन टीम के प्रदर्शन से  इसके स्पिनर दीपेंद्र सिंह ऐरी और कुशल
भुर्टेल ने दक्षिण अफ्रीका के अनुभवी और ताकतवर बल्लेबाजों को सिर्फ 115
रन पर रोक दिया और दोनों ने मिलकर सात विकेट चटकाए।
पूर्व कप्तान ज्ञानेंद्र मल्ला बेहद खुश हैं।’मुझे टीम के खेलने के तरीके
पर बहुत गर्व है। उन्हें फिर से विश्व कप खेलते देखना मेरे जीवन के सबसे
गौरवपूर्ण क्षणों में से एक है ‘ मल्ला कहते हैं, उन्होंने कहा कि दक्षिण
अफ्रीका के खिलाफ एक रन की हार भविष्य की उपलब्धियों के लिए एक आदर्श मंच
है।नेपाल का टूर्नामेंट में एक और मैच बचा है, सोमवार को उसे बांग्लादेश
के खिलाफ खेलना है। श्रीलंका के खिलाफ मैच बारिश के कारण बिना एक भी गेंद
फेंके रद्द होने से टीम ने अंक हासिल करने का मौका खो दिया। विश्व कप के
पहले मैच में वे नीदरलैंड से छह विकेट से हार गए थे लेकिन दक्षिण अफ्रीका
को कड़ी चुनौती देना उनके अभियान का मुख्य आकर्षण था।
ज्ञानेंद्र मल्ला कहते हैं कि टी20 विश्व कप में वापस आने में हमें 10
साल लग गए। उन्होंने कहा ‘सबसे महत्वपूर्ण बात अगली पीढ़ी के लिए क्रिकेट
का आधार तैयार करना है ताकि वे बार-बार शिखर पर विजय प्राप्त कर सकें।
नेपाल में क्रिकेट फैंस की कोई कमी नहीं है।

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