आशीष मिश्रा
राजकोट में होने वाले तीसरे क्रिकेट टेस्ट में टीम इंडिया का विकेटकीपर कौन होगा, इस पर इन दिनों बहस छिड़ी हुई है। इस वक्त टीम इंडिया के विकेटकीपिंग टीम के लिए चिंता का सबब बनी हुई है क्योंकि दोनों मैचों में श्रीकर भरत का प्रदर्शन खराब रहा। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि तीसरे टेस्ट में क्या श्रीकर भरत ही विकेटकीपिंग करेंगे या ध्रुव जुरेल को मौका मिलेगा? तीसरा क्रिकेट टेस्ट राजकोट में 15 फरवरी से शुरू हो रहा है।
ऋषभ पंत जब से चोटिल हुए हैं, टीम इंडिया की विकेटकीपर की तलाश खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। केएल राहुल के विकेटकीपिंग न करने और ईशान किशन के मौजूद न होने से इंग्लैंड के खिलाफ टीम में केएस भरत और ध्रुव जुरेल
को 15 खिलाड़ियों की टीम में चुना गया। दोनों मैचों में श्रीकर भरत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। वह ना तो बल्ले से कुछ कमाल कर पाए और न ही विकेट के पीछे उनमें डीआरएस पर कप्तान को अपनी राय देने की क्षमता दिखी।
पहले टेस्ट की दोनों पारियों को मिलाकर उन्होंने 69 रन बनाए थे और दूसरे टेस्ट में उनका प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा। वह सिर्फ 23 रन बना सके। उन्होंने अभी तक भारत के लिए कुल सात टेस्ट मैच खेले है और सिर्फ 221 रन बनाए है। उनका सर्वाधिक स्कोर 44 रन रहा है। यानी केवल दो बार वह 40 का आंकड़ा पार कर पाए हैं लेकिन एक भी हाफ सेंचुरी उनके नाम नहीं है। उनके इस खराब प्रदर्शन के कारण वह टीम से अंदर बाहर होते रहे है।
टीम तीसरे मैच में श्रीकर भरत को बाहर कर ध्रुव जुरेल को मौका दे सकती है। वह बेहतरीन विकेटकीपर होने के साथ कमाल के बल्लेबाज भी हैं। घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है। उन्होंने 15 मैचों में 790 रन बनाए है और उनका बेस्ट स्कोर 249 रन है, जो उन्होंने नगालैंड के खिलाफ दिसम्बर 2022 में बनाए थे। पहले दोनों मैचों में भरत के अनुभवी होने के कारण उन्हें मौका नहीं मिला लेकिन श्रीकर भरत के खराब प्रदर्शन ने उनकी टीम में आने की उम्मीद बढ़ा दी हैं।
ईशान किशन लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद भी लंबे समय से टीम से बाहर हैं। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट पिछले साल जुलाई में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था और अपना आखिरी मैच नवंबर 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। टीम से उनके बाहर होने की वजह अभी तक साफ नहीं हैं। टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने उन्हें रणजी ट्रॉफी में खेलने की सलाह दी थी लेकिन वह रणजी में खेलते नहीं नजर आए। अब सवाल यह उठता है कि क्या बाकी के बचे हुए मैचों में उन्हें टीम में जगह मिल पाएगी या उनका टीम में आने का इंतजार और लंबा होगा?