वर्ल्ड कप में धीमी शुरुआत के बाद डेविड वॉर्नर ने लगातार दो सेंचुरी बनाकर ज़बरदस्त वापसी की है। नीदरलैंड के खिलाफ सेंचुरी के साथ ही वॉर्नर ने अपने हमवतन दिग्गज- रिकी पॉन्टिंग को पीछे छोड़ दिया है और वर्ल्ड कप में सेंचुरी जड़ने में सचिन तेंडुलकर के बराबर पहुंच गए हैं। दोनों बल्लेबाजों की वर्ल्ड कप में अब छह सेंचुरी हो गई हैं। ऑस्ट्रेलिया का वर्ल्ड कप आगाज़ बहुत खराब रहा था। लगातार दो मैच हारकर ऑस्ट्रेलियाई टीम प्वांइट्स टेबल में एक समय टॉप चार से बहुत पीछे हो गई थी लेकिन फिर वापसी के लिए जानी जाने वाली ऑस्ट्रेलिया ने लगातार तीन मैच जीतकर दूसरी टीमों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।
कंगारू टीम की वापसी में डेविड वॉर्नर ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस वर्ल्ड कप में वॉर्नर शानदार फार्म में हैं और उनकी हर पारी मे विकेटों के बीच दौड़ खास रही है। मिडिल ओवरों में स्कोरबोर्ड चलाने के लिए सिंगल्स को डबल्स में बदलने की विशेषता बहुत ज़रुरी है जो इस वर्ल्ड कप में यह कंगारू बल्लेबाज़ भी करते दिखे हैं। नीदरलैंड से मैच के बाद वॉर्नर ने विकेट के बीच दौड़ की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विराट कोहली अपने ज्यादातर रन दौड़ कर बनाते हैं। सिंगल्स को डबल्स में बदलते हैं जिससे सामने वाली टीम पर दबाव बढ़ता है।
अपने वर्ल्ड कप करियर में वॉर्नर ने 23 मैचों में छह सेंचुरी जड़ी हैं। इस रिकार्ड में इस खब्बू बल्लेबाज से आगे बस भारतीय कप्तान रोहित शर्मा हैं जो अब तक सर्वाधिक सात बार यह कमाल कर चुके हैं लेकिन वॉर्नर के पास आने वाले मैचों में रोहित से आगे निकलने का पूरा मौका होगा। अभी वॉर्नर 36 वर्ष के हैं और यह उनका आखिरी वर्ल्ड कप हो सकता है जिसको वह यादगार बनाने की पूरी कोशिश करेंगे। ऑस्ट्रेलिया ने वॉर्नर (104) और ग्लेन मैक्सवेल की 44 गेंदों में 106 रनों की पारी की मदद से नीदरलैंड पर 309 रनों की अब तक की वर्ल्ड कप की सबसे बड़ी जीत हासिल की और वह अब पॉइंट्स टेबल में चौथे स्थान पर बनी हुई है।