~रितिक चौहान
बेशक तिलक वर्मा आईपीएल में सबसे पहले चर्चा में आए लेकिन वेस्टइंडीज़ के खिलाफ टी-20 सीरीज़ में उन्होंने अपनी खास पहचान बनाई। इस सीरीज़ में उनका स्ट्राइक रेट 144.5 का रहा और उन्होंने 34.80 के औसत से कुल 174 रन बनाए। इन पारियों से उन्होंने कई पूर्व क्रिकेटरों को प्रभावित किया। यहां तक कि पूर्व चीफ कोच रवि शास्त्री, पूर्व सेलेक्टर संदीप पाटिल और एमएसके प्रसाद ने उन्हें टीम इंडिया में शामिल करने की वकालत की। क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में उन्होंने अब तक 37.02 के औसत से कुल 1592 रन बनाए। दरअसल पिछले आईपीएल में उन्होंने काफी प्रभावित किया था। तब उन्होंने कुल ने 397 रन बनाए और इस साल उन्होने 343 रन बनाने का कमाल किया।घरेलू क्रिकेट में तिलक और भी असरदार साबित हुए। उन्होंने 56.18 के औसत और 101.64 के स्ट्रइक रेट से 1236 रन बनाए। वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन टी-20 मुक़ाबलों में वह टीम इंडिया के सबसे सफल बल्लेबाज़ साबित हुए जिसमें उनकी एक हाफ सेंचुरी भी शामिल है। मगर आयरलैंड के खिलाफ पहले दो वनडे में उनका बल्ला खामोश ही रहा। इसके अलावा तिलक गेंदबाज़ी भी करते हैं। पिछले दिनों उन्होंने निकलस पूरन को आउट करके सबको चौंका दिया। तिलक बेशक बहुत बड़ी पारी न खेल पाए हो लेकिन उनके खेलने की शैली ने सबको प्रभावित किया है। यहां तक कि चयनकर्ताओं ने भी उन्हें एशिया कप के लिए टीम में शामिल किया। तिलक की सबसे बड़ी खूबी उनका बाएं हाथ का बल्लेबाज़ होना है। उनमें धैर्य से बल्लेबाज़ी करने का माद्दा भी है और ज़रूरत पड़ने पर वह अटैकिंग बल्लेबाज़ी भी कर सकते हैं। उनकी बल्लेबाज़ी में निरंतरता है। तिलक वर्मा उस प्रदेश से आते हैं, जहां से जयसिम्हा, मोहम्मद अज़हरूद्दीन और वीवीएस लक्ष्मण जैसे खिलाड़ी आए हैं। अब तिलक वर्मा पर इस विरासत को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी है। हालांकि एक बड़ा वर्ग उनके टीम में चुने जाने की आलोचना भी खूब कर रहा है। इस पक्ष का कहना है कि जिस खिलाड़ी ने एक भी वनडे न खेला हो, उसे टीम में रखना कितना उचित है। अब इन सब आलोचनाओं का जवाब देने का समय आ गया है। अगर उन्हें एशिया कप में प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया तो तिलक वर्मा पर बड़ी ज़िम्मेदारी होगी, न सिर्फ मध्य क्रम में बतौर बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाने की बल्कि इन आलोचनाओं का करारा जवाब देने की भी।