इंग्लैंड के खिलाफ हैदराबाद टेस्ट में केएल राहुल के पास सेंचुरी जड़ने का मौका था लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए और 86 रन पर आउट हो गए। इस सीरीजमें उन्हें विकेटकीपर नहीं, बल्कि विशुद्ध रूप से बल्लेबाज के रूप में शामिल किया गया है। विराट कोहली अगर इस मैच में होते तो सम्भव है कि उन्हें बाहर बैठना पड़ता लेकिन निजी कारणों से विराट सीरीज के पहले दो मैच से बाहर हो गए। ऐसे में केएल राहुल को नंबर चार पर खेलने का मौका मिला और उन्होंने कमाल की बैटिंग की। इंग्लैंड के पास भले हीं उस दर्जे के स्पिनर नहीं हैं जैसे भारत के पास लेकिन जैक लीच के पास अनुभव था।
साउथ अफ्रीका दौरे पर राहुल की टीम में वापसी हुई थी। वहां वह विकेटकीपर के रूप में खेले थे लेकिन इस सीरीज में बतौर बल्लेबाज़ उन्हें मौका मिला। टीम को स्पिन के खिलाफ उनकी कीपिंग पर भरोसा नहीं था। ऐसे में इस सीरीज में राहुल बतौर बल्लेबाज ही खेलते दिखे। इस 86 रन की पारी में वह बहुत भाग्यशाली रहे इन्हे दूसरी ही गेंद पर जीवनदान मिला। विकेटकीपर बेन फोक्स से जो रूट की गेंद पर उनका कैच छूटा था, लेकिन अम्पायर ने माना कि गेंद बल्ले से नहीं लगी है जबकि इंग्लैंड के पास डीआरएस ही नहीं बचा था।
राहुल ने घरेलू सरजमीं पर एक हज़ार टेस्ट रन भी पूरे कर लिए हैं। राहुल ने भारत में 17 टेस्ट मैच में 43.00 से ज्यादा के औसत से रन बनाए हैं। राहुल के नाम एक सेंचुरी और नौ फिफ्टी है। उन्होंने 2016 में भारत में पहला टेस्ट मैच खेला था। इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में 199 रन भी बनाए थे। केएल राहुल ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। 50 टेस्ट मैच में उन्होंने 2841 रन बनाए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में राहुल के बल्ले से खूब रन निकले हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 13 मैच में 933 रन बनाए हैं।
दूसरे दिन भारतीय टीम एक विकेट पर 119 रन से खेलने उतरी भारतीय टीम ने पहले और दूसरे सेशन में दो दो विकेट गंवाये। राहुल ने इंग्लैंड के स्पिनरों पर जमकर हल्ला बोला। रिहान अहमद के एक ही ओवर में दो छक्के लगाए। इकलौते तेज गेंदबाज मार्क वुड को वह संभलकर खेले।