कुलदीप यादव कभी भारतीय गेंदबाज़ी में हाशिये पर थे लेकिन इस साल भारतीय
गेंदबाज़ों से सबसे ज़्यादा विकेट लेने के साथ ही वह एक बार फिर
सुर्खियों में आ गए हैं। इन्हीं कुलदीप ने कभी सिडनी टेस्ट में पांच
विकेट चटकाने का कमाल किया था लेकिन अगले दो साल तक उन्हें टेस्ट टीम में
नहीं खिलाया गया। पिछले साल चटगांव टेस्ट में उन्होंने आठ विकेट चटकाकर
करियर बेस्ट बॉलिंग और करियर बेस्ट बैटिंग की लेकिन उन्हें अगले ही टेस्ट
से हटा दिया गया।
आज वेस्टइंडीज़ के खिलाफ वह इसलिए क़ामयाब हो रहे हैं क्योंकि टीम
मैनेजमेंट उन पर भरोसा कर रहा है। कभी तीन स्पिनरों के खेलने पर आम तौर
पर सबसे कम ओवर उन्हें ही दिए जाते थे लेकिन आज जब भी मैच में स्पिन की
ज़रूरत महसूस की जाती है तो सबसे पहले उन्हें ही मोर्चे पर लाया जाता है।
यह कुलदीप और इस साल होने वाले विश्व कप के लिए बहुत अच्छा संकेत है।
कुलदीप यादव की गेंदबाज़ी में बड़ा फर्क यह आया है कि अब वह खासकर सपाट
पिचों पर तेज़ और फुल लेंग्थ पर निर्भर नहीं रहते और न ही पूरी तरह से
फ्लाइट पर निर्भर रहते हैं। अब फुलर गेंदों को वह हथियार की तरह इस्तेमाल
करते हैं और सामने चौका या छक्का खाने पर उन्हें विकेट की उम्मीद जगती
है। यही वजह है कि इससे बल्लेबाज़ को अपने जाल में फंसाने में उन्हें
काफी मदद मिल जाती है। अब वह बाउंड्री पड़ने पर विचलित नहीं होते। पहले
गेंदों की धुनाई होते ही वह लाइन और लेंग्थ से भटक जाते थे। उन्होंने इन
दिनों अपनी लेंग्थ पर काफी काम किया है। पहले उनकी गेंदों पर डिफेंसिव
फील्ड लगाई जाती थी और कोशिश रन रोकने की रहती थी लेकिन अब वह कई बार
मिडविकेट को नज़दीक बुला देते हैं और बैकवर्ड स्क्वेयर लेग को दूर रखा
जाता है। ऐसा वह पहले नहीं करते थे। चूंकि वह चाइनामैन बॉलर हैं इसलिए
उनकी गेंदें पिच होकर अंदर की ओर आती हैं और गुगली गेंदें विपरीत दिशा
में चली जाती हैं जिससे ऐसी गेंदों पर उनका स्लिप और लेग स्लिप दोनों
रखना काफी उपयोगी साबित होता है। यह उनके अटैकिंग माइंडसेट को दर्शाता
है। इसी फील्ड प्लेसमेंट का नतीजा है कि उनके खिलाफ स्वीप या रिवर्स
स्वीप खेलना कभी आसान नहीं रहता। या तो बल्लेबाज़ ऐसी गेंदों पर शॉट मिस
करता है या फिर अटैकिंग फील्ड से वह खुद को बेबस महसूस करता है।
अब बल्लेबाज़ उन पर डिफेंसिव शॉट खेलने में भी घबराता है। कुछ इसी तरह से
उन्होंने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ डोमिनिक ड्रेक्स और यानिक कारिया के विकेट
लिए। उनकी गुगली गेंदें जब स्किड होती हैं तो हैटमायर जैसे धुरंधर भी
गेंद को मिडिल नहीं कर पाते।