बेशक इंग्लैंड के वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें खत्म हो चुकी हों लेकिन टीम इंडिया को अगला मैच इसी टीम से लखनऊ में रविवार को खेलना है और इसके लिए टीम इंडिया का मास्टर प्लान तैयार हो चुका है। टीम इंडिया के दो दिन के प्रैक्टिस सैशन को देखकर साफ हो गया है कि इस मैच के लिए भारत की प्लेइंग इलेवन क्या होगी।
लखनऊ में नेट सेशन में टीम इंडिया का ध्यान दो बातों पर टिका था। एक, लोअर ऑर्डर से अच्छी बल्लेबाज़ी करवाना और दो, 2011 के वर्ल्ड कप की तरह बल्लेबाज़ों से ज़रूरत पड़ने पर गेंदबाज़ी कराना। इसी बात को ध्यान में रखते हुए विराट कोहली, शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव ने इन दो दिनों में खूब गेंदबाज़ी की। विराट मध्यम गति से गेंदबाज़ी करते हैं जबकि बाकी दोनों ऑफ स्पिनर हैं। कोशिश यही है कि टीम इंडिया के प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव न करने की स्थिति में छठे गेंदबाज़ की समस्या टीम इंडिया को महंगी साबित न हो और ये बल्लेबाज़ किसी नियमित गेंदबाज़ के बेहद महंगे साबित होने पर तीन से चार ओवर की गेंदबाज़ी कर सकें।
वैसे सूर्यकुमार यादव अपने करियर की शुरुआत में ऑफ स्पिन गेंदबाज़ी किया करते थे। जिन दिनों वह केकेआर से खेलते थे, तब चैम्पियंस लीग के फाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ गेंदबाज़ी करते समय उनके एक्शन पर सवाल उठे थे। उसके बाद वह यदा-कदा ही गेंदबाज़ी करते देखे गए। वैसे फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सूर्य 24 और लिस्ट ए के मैचों में छह विकेट चटका चुके हैं। जब उन्होंने श्रेयस अय्यर को एक गेंद पर छकाया तो उस समय वहां खड़े रविचंद्रन अश्विन ने उन्हें हंसते हुए गले लगा लिया। इसी तरह विराट कोहली कार्डिफ वनडे में एलिएस्टर कुक को और मोहाली वनडे में इंग्लैंड के अन्य ओपनर क्रेग कीस्वेटर को बोल्ड कर चुके हैं। इतना ही नहीं, जोहानिसबर्ग में उन्होंने क्विंटन डिकॉक का और वैलिंग्टन में ब्रैंडन मैकुलम का बहुमूल्य विकेट हासिल किया था। हालांकि ये सब 2014 से पहले की घटनाएं हैं।
शुभमन गिल को सिराज को गेंदबाज़ी करते हुए देखना मज़ेदार अनुभव था। उन्होंने सिराज को तकरीबन 45 मिनट गेंदबाज़ी की और इस दौरान उन्हें बल्लेबाज़ी के टिप्स भी दिए। जसप्रीत बुमराह के लिए बैटिंग कोच विक्रम राठौर थ्रो डाउन एक्सपर्ट का काम करते देखे गए। ज़ाहिर है कि 2011 के वर्ल्ड कप में जिस तरह नियमित गेंदबाज़ों के अलावा टीम इंडिया के पास कई विकल्प थे, वही विकल्पों की तलाश में इस समय टीम इंडिया है। तब यूसुफ पठान से लेकर सुरेश रैना, सचिन, सहवाग और युवराज सिंह गेंदबाज़ी के अनियमित विकल्प थे लेकिन इनमें युवराज सिंह ज़हीर खान के बाद टीम इंडिया के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ साबित हुए थे। वहीं निचले क्रम के खिलाड़ियों को पर्याप्त अभ्यास देकर टीम इंडिया आठवें नम्बर के ऑलराउंडर की कमी को पूरा करती देखी गई है। अगर प्लान बी पर चला जाए तो रविचंद्रन अश्विन को सिराज की जगह खिलाकर टीम इंडिया की नम्बर आठ की समस्या भी हल हो सकती है लेकिन टीम इनमें पहले विकल्प पर ज़्यादा ध्यान दे रही है।