आर्यन कपूर

माना जा रहा है कि पुणे में होने वाले दूसरे क्रिकेट टेस्ट के लिए काली मिट्टी की पिच एक बार फिर पुराने मिजाज़ की होने वाली है। सवाल है कि अगर पिच पर स्पिन गेंदबाजों को ज्यादा मदद मिली तो क्या भारतीय बल्लेबाजी न्यूज़ीलैंड को कड़ी टक्कर दे पाएगी। अगर ऐसा नहीं होता तो भारत के सामने एजाज पटेल और मिचेल सेंटनर मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।

अनुभवी खिलाड़ियों ने ज्यादा किया संघर्ष 

भारतीय बल्लेबाज स्पिन गेंदबाजों के आगे घरेलू पिचों पर सेटल नहीं दिखाई देते। इस लिस्ट में विराट कोहली, रोहित शर्मा, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, रवींद्र जडेजा और रवि अश्विन जैसे अनुभवी बल्लेबाज शामिल हैं। दूसरी तरफ ऋषभ पंत, यशस्वी जयसवाल और सरफराज खान  जैसे युवा खिलाड़ी स्पिनरों को हावी नहीं होने देते। इन युवा बल्लेबाजों का आक्रामक रवैया स्पिन गेंदबाजों को टिकने नहीं देता। अब सवाल यह है कि  जब युवा खिलाड़ी स्पिनरों पर इस तरीके का खेल दिखा सकते हैं तो अनुभवी बल्लेबाज क्रीज़ पर इतना बंधकर क्यों खेलते हैं। ये सभी सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि भारतीय टीम ने स्पिनरों को अपने विकेट आसानी से दिए हैं।

अनुभवी खिलाड़ी जिस तरह से स्पिन गेंदबाजों को अप्रोच कर रहे हैं उसे देखकर लगता है कि वह मुख्य फिरकी गेंदबाजों पर चांस लेने में झिझक होती है। भारत का एक लंबा होम टेस्ट होम सीजन अब खत्म होने को है। ऐसे में बाकी बचे दो टेस्ट मैचों में विराट, रोहित और राहुल जैसे बल्लेबाजों से उम्मीद होगी कि वह सारी किसी प्रकार का कोई दबाव महसूस ना करें और अपना स्वाभाविक खेल खेलें। इस होम सीजन की समाप्ति के बाद भारत को ऑस्ट्रेलिया का एक लंबा दौरा करना है। इस दौरे पर भारत को पांच टेस्ट मैच खेलने हैं। इस सीरीज में भारतीय बल्लेबाजी का मुकाबला नाथन लॉयन जैसे मंझे हुए स्पिनर से होगा। लॉयन ने भारत को कई मौकों पर तकलीफ दी है। ऑस्ट्रेलिया के मैदानों पर उनका प्रदर्शन भी काफी अच्छा रहता है। ऐसे में भारत जरूर चाहेगा कि स्पिन की फिरकी से बाहर निकला जाए।

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