धर्मशाला के मैदान पर बुधवार को टीम इंडिया का ऑप्शनल प्रैक्टिस सेशन रहा, जहां युवा खिलाड़ियों में जहां अच्छा खासा जोश दिखाई दिया, वहीं सीनियर खिलाड़ियों में रविचंद्रन अश्विन ने बैटिंग और बॉलिंग का अभ्यास किया। यह उनका सौवां टेस्ट है, जहां वह अपना यादगार प्रदर्शन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
वैसे टीम इंडिया ने मंगलवार को भी अभ्यास किया लेकिन उस अभ्यास में रोहित शर्मा शामिल नहीं थे। वह कोच राहुल द्रविड़ और अनुराग ठाकुर के साथ बिलासपुर में एक कार्यक्रम के लिए गए। वहां एक कार्यक्रम में रोहित शर्मा ने स्टम्प माइक से जुड़ी कई रोचक बातों से दर्शकों का दिल जीत लिया। बुधवार को धर्मशाला वह मीडिया से मुखातिब हुए।
रोहित ने नहीं खोले पत्ते
रोहित ने धर्मशाला टेस्ट को लेकर पत्ते नहीं खोले। इस मैच में सबसे बड़ी चर्चा इस बात को लेकर है कि जसप्रीत बुमराह कुलदीप यादव की जगह वापसी करेंगे या आकाशदीप की जगह…और दूसरी चर्चा इस बात को लेकर है कि क्या रजत पाटीदार पर भरोसा रखा जाएगा या उनकी जगह देवदत्त पड्डिकल को मौका मिलेगा। रोहित शर्मा ने एक तरफ तो तीन तेज़ गेंदबाज़ों को खिलाने की सम्भावना से इंकार नहीं किया और न ही तीन स्पिनरों को खिलाने की सम्भावना से ही इंकार किया। उन्होंने कुलदीप यादव की खूब तारीफ की। उन्होने कहा कि वह शानदार गेंदबाज़ तो हैं ही, अब बल्लेबाज़ी भी अच्छी करने लगे हैं। ध्रुव जुरेल के साथ उन्होने एक शानदार पार्टनरशिप करके टीम इंडिया को मज़बूती दी। रजत पाटीदार के बारे में कहा कि उनमें काफी टैलंट है। उनके बारे में पिछली कुछ पारियों को देखकर राय बनाना ठीक नहीं होगा। किसी खिलाड़ी का न चल पाना खेल का हिस्सा है। ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है।
अश्विन के बारे में बताई मज़ेदार बात
रविचंद्रन अश्विन के सौवे टेस्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अश्विन के साथ एज ग्रुप टूर्नामेंटों से खेल रहे हैं। फर्क यह है कि तब वह बल्लेबाज़ हुआ करते थे और मैं गेंदबाज़ लेकिन अब सब उल्टा हो गया है। रोहित ने इसके अलावा मुश्किल हालात से उबरकर सीरीज़ जीतने पर खुशी ज़ाहिर की। इसमें उन्होंने खासकर अश्विन और जडेजा की खास तौर पर तारीफ की।
रोहित ने दिया इस सीरीज़ को नया नाम
रोहित ने इस सीरीज़ को कमबैक सीरीज़ का नाम दिया। उन्होंने कहा कि धर्मशाला टेस्ट को जीतकर वह सीरीज़ को खत्म करना चाहेंगे। उन्हें खुशी है कि हम मुश्किल हालात से उबर गए हैं। हैदराबाद में पहले टेस्ट में टीम इंडिया हारी और उसके बाद भारत ने विशाखापट्टनम, राजकोट और रांची में जीत हासिल की। रोहित मानते हैं कि बतौर बल्लेबाज़ इस सीरीज़ से उन्होंने बहुत कुछ सीखा। बैन डकेट के यह कहने कि जायसवाल ने सीरीज़ से बहुत कुछ सीखा है, इस पर रोहित ने ऋषभ पंत का उदाहरण दिया। यानी वह कहना यह चाह रहे थे कि बैज़बॉल का अंदाज़ तो बहुत पहले ऋषभ पंत अपना चुके थे।