मंगलवार से सेंचुरियन में भारत और साउथ अफ्रीका सीरीज का पहला टेस्ट मैच
खेला जाना है। साउथ अफ्रीका इकलौता ऐसा सेना देशा है जहां भारत ने अभी तक
टेस्ट सीरीज जीत दर्ज नहीं की है। अफ्रीकी सरजमीं हमेशा से भारतीय
खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। 1992/93 से भारत के साउथ अफ्रीका
दौरे के साथ दोनों देशों के बीच टेस्ट मुकाबलों की शुरुआत हुई थी। भारतीय
टीम ने अभी तक 23 मुकाबलें प्रोटियाई धरती पर खेलें हैं जिसमें से उसे बस
चार में जीत हासिल हुई है जबकि 12 में हार और सात मैच ड्रा रहे हैं। भारत
को अपनी पहली जीत के लिए 10 मुकाबलों का लंबा इंतजार करना पड़ा था तब
उसने 2006 में पहली बार साउथ अफ्रीका को उसी की धरती पहली बार हराया था।
2006 के बाद 2010, 2017 और 2021 के दौरे पर भारत ने एक-एक मुकाबलें जीते
हैं।
यह प्रदर्शन दिखाता है कि भारतीय टीम के लिए साउथ अफ्रीका की तेज
उछालभरी पिचों का सामना करना चुनौतीपूर्ण होगा। यह मैच सेंचुरियन में
खेला जाना है। सुपरस्पोर्ट्स पार्क में मेजबान ने खेले गए 28 टेस्ट में
22 मैच जीतें हैं और पिछले नौ मैचों में मात्र आठ जीत जबकि एक हार का
सामना भारत के खिलाफ करना पड़ा था। भारत को मोहम्मद शमी की सेवाएं नहीं
मिल पाएंगी जो इंजरी के चलते इस सीरीज का हिस्सा नहीं है। रोहित शर्मा की
प्रेस कान्फ्रेंस से यह संकेत मिला है कि प्रसिद्ध कृष्णा मंगलवार को
टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू कर सकते हैं। कृष्णा ‘हिट द डेक बॉलर’ हैं और
अपनी लंबी कद-काठी से वह मुकेश कुमार की तुलना में ज्यादा सेंचुरियन की
तेज विकेट का फायदा उठा सकते हैं। मौजूदा भारतीय बल्लेबाजी पर नजर डालें
तो विराट का रिकॉर्ड साउथ अफ्रीका में शानदार रहा है यहां पर उन्होंने 51
की औसत से रन जड़े हैं। राहुल और रोहित पिछले दौरों में टीम के साथ थे
लेकिन दोनों खिलाड़ियों को यह देश रास नहीं आया है। इन तीन को छोड़कर
अन्य बल्लेबाजों के लिए यह कंडीशन एकदम नई है। कप्तान रोहित पहले यहां
खेल चुके हैं लेकिन तब वह मध्य क्रम में बैटिंग करते थे और उनके आंकड़े
भी बहुत साधारण हैं। सीरीज जीतने के लिए पहला मैच बहुत महत्त्वपूर्ण है।
जो भी टीम जीत के साथ आगाज करेगी वह 1-0 के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक बढ़त भी
बना लेगी और पहला मैच इसलिए भी खास है कि यह सीरीज बस दो मैचों की है।