क्या शुभमन गिल टीम इंडिया के अगले कप्तान होंगे। क्या अफगानिस्तान दौरे के लिए उन्हें सेलेक्टर्स और टीम मैनेजमेंट टीम की कमान सौंपने का मन बना चुके हैं। यह सवाल सुनने में अटपटा ज़रूर लगता है लेकिन हालिया घटनाक्रम में इसकी सम्भावनाएं ज़्यादा मज़बूत होती दिख रही हैं।
दरअसल गिल को अफगानिस्तानी दौरे पर टीम इंडिया की कमान सौंपने की दो सम्भावनाएं सामने आई हैं। एक, विकल्प की कमी और दो, इस सीरीज़ के ऑफिशल ब्रॉडकास्टर की ओर से मिले संकेत। विकल्प की कमी इसलिए क्योंकि रोहित शर्मा अगर टी-20 फॉर्मेट की योजना का हिस्सा होते तो उन्हें पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल के बाद कोई न कोई मैच या सीरीज़ ज़रूर खिलाई जाती। मगर रोहित और विराट उस मैच के बाद इस फॉर्मेट में उतरे ही नहीं हैं।
जब रोहित उपलब्ध नहीं होते तो हार्दिक पांड्या कप्तानी के दावेदार होते हैं लेकिन दिक्कत यह है कि बांग्लादेश के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच में गेंदबाज़ी करते हुए उनका टखना मुड़ गया था, जिससे वह अभी तक उबरे नहीं हैं। इस वजह से सूर्यकुमार यादव को ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ कप्तानी की बागडोर सौंपी गई जिसमें टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4-1 से सीरीज़ जीतने में क़ामयाबी हासिल हुई। मगर साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी-20 मैच में बाउंड्री पर फील्डिंग करते हुए सूर्यकुमार को पैर मुड़ जाने से सीरीज़ से बाहर होना पड़ा। यानी अब न हार्दिक फिट हैं और न ही सूर्यकुमार यादव। रोहित को लेकर असमंजस की स्थिति है जबकि ऋषभ पंत एक्सीडेंट की वजह से अभी तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लौटे नहीं हैं। ऐसी स्थिति में शुभमन गिल पर दांव लगाया जा सकता है। वैसे भी उन्हें अगले सीज़न के लिए गुजरात टाइटंस की कमान सौंपी गई है और इस सीरीज़ में बतौर कप्तान मौका मिलने से वह आईपीएल में अपनी टीम की कप्तानी करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे।
भारत और अफगानिस्तान के बीच खेली जानी वाली टी-20 सीरीज़ का ऑफशियल ब्रॉडकास्टर जियो सिनेमा है, जो अपने प्रोमो में शुभमन गिल को कई बार दिखा चुका है। भारतीय खिलाड़ियों में सबसे ज़्यादा उन्हें ही अफगानिस्तान के कप्तान राशिद खान के साथ कई बार दिखाया गया है, जिससे इस बात के संकेत मिलते हैं कि वह टीम इंडिया के अगले कप्तान हो सकते हैं।
वैसे शुभमन गिल टी-20 फॉर्मेट के उतने अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं जितने की बाकी दो फॉर्मेट के हैं। हालांकि उनका स्ट्राइक रेट इस फॉर्मेट में 145 है और उन्होंने एक सेंचुरी और एक हाफ सेंचुरी भी बनाई है लेकिन यह भी सच है कि वह 13 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में से नौ में दोहरी संख्या तक भी नहीं पहुंच पाए हैं। ज़ाहिर है कि उन्हें कप्तानी के साथ ही अपनी बल्लेबाज़ी में भी सुधार करना होगा। जब वह इस फॉर्मेट में लगातार रन बनाने लग गए तो उनकी कप्तानी में अपने आप सुधार आता जाएगा।