आयुष राज
बाएं हाथ के कलाइयों के फनकार स्पिनर कुलदीप यादव कभी गेंद को कम गति से
फेंका करते थे जबकि टीम के सभी खिलाड़ी उन्हें गेंद में गति देने की सलाह
देते थे।
कुलदीप ने वर्ष 2021 में दाएं पैर के घुटने की सर्जरी के बाद अपनी
गेंदबाजी को सुधारने के लिए काफी मशक्कत की है। सर्जरी से पहले उनकी
गेंदबाजी बल्लेबाजों के सामने उतनी कारगर साबित नहीं हो रही थी जैसा वह
चाहते थे। मौके का फायदा उठाते हुए उन्होनें अपनी गेंदबाजी पर काम करना
शुरू कर दिया था।
कुलदीप पहले अपने रनअप के दौरान पिच से थोड़ा बाहर की ओर टेढ़ा दौड़ते
हुए आते थे जिससे उनके दाएं पैर पर दबाव ज्यादा पड़ता था लेकिन अब वह
गेंदबाजी के लिए सीधा आते है और फिर दोनो पैरों पर बराबर बैलेंस बनाते
हैं। पहले रनअप टेढ़ा होने के कारण वह गेंद पर अपनी उंगलियां फेरते थे तो
टर्न कम प्राप्त होता था।
रनअप सीधा होने के बाद कुलदीप की गेंद अब कभी–कभी जरूरत से ज्यादा भी
टर्न हो जाती है। कुलदीप ने कहा कि दाएं पैर पर कम दबाव देने की सलाह
उन्हें टीम के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने दी थी। उन्होंने कहा कि
इस सलाह की वजह से उनकी गेंदबाजी को सुधारने में बहुत मदद मिली है।
रनअप सही करने के साथ ही उन्होंने गेंद की गति और सीम पोजीशन पर भी बहुत
मेहनत की जिससे उन्हें काफी अच्छा परिणाम मिले। गेंद को धीमी गति से
फेंकने के कारण कुलदीप वनडे और टी20 मुकाबलों में बल्लेबाजों पर ज्यादा
प्रभाव नहीं डाल पाते थे। इस वजह से भारतीय टीम में जगह बनाना उनके लिए
मुश्किल हो गया था। इन सबके बाद उन्होंने गेंद में गति बढ़ाई जिसके कारण
गेंद की सीम पोजीशन में सुधार हुआ।
कुलदीप यादव ने अपने पूरे रनअप और गेंदबाजी करने के अंदाज को बदलने के
बाद विश्व कप में अपनी वापसी करते हुए भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की की
थी। किफायती गेंदबाजी करते हुए उन्होंने दस मैचों में महत्वपूर्ण 15
विकेट भी चटकाए थे। इन सबके बाद कुलदीप अब भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ
स्पिन गेंदबाजों में से एक है और सभी फॉर्मेट में टीम का हिस्सा हैं।