गौतम प्रजापति
भारत के मौजूदा हैड कोच गौतम गंभीर इन दिनों आलोचना से घिरे हुए हैं। भारत के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके सौरभ गांगुली ने गौतम गंभीर का समर्थन किया है। भारतीय टीम को श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली शर्मनाक हार के गंभीर के कोचिंग पर सवाल उठ रहे है और यह एक चर्चा का विषय बन गया है।
ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले संजय मांजरेकर ने उन पर निशाना साधा था। जिसपर गांगुली ने रिकी पॉन्टिंग, मैथ्यू हेडन, स्टीव वॉ जैसे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी का उदाहरण देते हुए कहा कि इन सभी का पर्सनल स्किल गंभीर जैसा है। अब गम्भीर पर बड़ी ज़िम्मेदारी है क्योंकि वह टीम इंडिया के कोच हैं।
हालांकि पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली नहीं चाहते कि गंभीर अपनी स्वाभाविक प्रवृत्ति पर अंकुश लगाएं और उन्होंने सलाह दी है कि वह जैसे हैं उन्हें वैसा ही रहने दें। साथ ही गांगुली ने यह भी कहा कि वह बस इतना कहेंगे कि न्हें वैसे ही रहने देना चाहिए जैसे वह हैं। उन्होंने जो कहा उनकी कुछ आलोचना देखी। वह ऐसे ही हैं इसीलिए उन्हें उनके जैसे रहने दीजिए। जब उन्होंने आईपीएल ट्रॉफी जीती थी तब भी वह ऐसे ही थे। हमे सिर्फ श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट और वनडे सीरीज हार जाने कारण उनकी सवाल नहीं उठाना चाहिए। उनकी सीधी बात को आपने अच्छी तरह से नहीं लिया लेकिन वह ऐसे ही हैं।
सौरभ गांगुली ने कहा कि जब से उन्होंने देखा है वह हमेशा से बात करने में सहज नहीं हैं। फिर चाहे वह स्टीव वॉ, पॉन्टिंग या मैथ्यू हेडन हों, वे इसी तरह से खेलते रहे हैं इसलिए गंभीर ने जो कहा है उसमें कुछ भी गलत नहीं है। वह ऐसे ही हैं और वह लड़ना जानते हैं और वह प्रतिस्पर्धा करना जानते हैं इसलिए हमें उन्हें मौका देना चाहिए। अभी दो या तीन महीने ही हुए हैं और आप उन पर फैसला सुना रहे हैं। ऐसा ही ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के खिलाफ वर्षों से ऐसा होता आ रहा है और यह इस सीरीज को और भी अधिक प्रतिस्पर्धी बनाता है। ऐसे में गंभीर को और भी मौका दें और उन्हें अपने तरीके से करने दें।
गांगुली ने यह भी कहा कि उन्हें पता है कि अगले कुछ महीने यह उनके लिए बहुत कठिन होगा। भारत को ऑस्ट्रेलिया में पांच टेस्ट मैचों कि सीरीज़ खेलनी है और फिर चैंपियंस ट्रॉफी। यह गंभीर के व्यक्तित्व के बारे में फैसला करेगा। इसलिए उनके नजरिए से उन्हें एक मौका देना चाहिए और उनके साथ ज्यादा सख्ती नहीं बरतनी चाहिए।