पाकिस्तान में निजाम बदलने के साथ ही तमाम विभागों के अधिकारी भी बदल
जाते हैं। यहां तक कि पुराने अधिकारियों के लिए फैसले भी बदल दिए जाते
हैं। ऐसा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में अक्सर होता है। ताजातरीन मामला
पीसीबी के पूर्व चीफ नजम सेठी के फैसलों का मौजूदा चीफ ज़का अशरफ द्वारा
बदला जाना है। हालांकि इसमें वहां की हुकूमत का ही हाथ है जिसने दुनिया
भर में पाकिस्तान का मज़ाक बना दिया है।
पाकिस्तान के खेल मंत्री अहसान मज़ारी को देखकर ऐसा लगता है जैसे लम्बे
समय के बाद उनकी नींद खुली हो। वह कह रहे हैं कि जब तक भारत एशिया कप में
भाग नहीं लेगा, तब तक पाकिस्तान को भी भारत में होने वाले वर्ल्ड कप का
बहिष्कार करना चाहिए। करते रहिए बहिष्कार। कहीं आईसीसी इस बहिष्कार के
चक्कर में आपको पूर्णकालिक सदस्य देश होने के नाते सालाना करीब 18 मिलियन
डॉलर का भुगतान करना बंद न कर दे। ऊपर से प्रतिबंध का खतरा अलग से। एशिया
कप के जो मसले हल हो चुके हैं, उन्हें आखिर क्यों ज़ीरो से शुरू किया जा
रहा है। हाइब्रिड मॉडल का सुझाव पीसीबी की ओर से ही आया था जिसे एशियाई
क्रिकेट काउंसिल ने मान लिया था। यही मॉडल 2025 की चैम्पियंस ट्रॉफी के
लिए भी भारत की भागीदारी का रास्ता खोलता है। मगर पाकिस्तान की हुकुमत को
इन मसलों को उठाकर इस साल होने वाले चुनावों में वोट चाहिए।
1996 के वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की ओर से इसलिए विवाद नहीं हुआ क्योंकि
तब वह खुद सह-मेजबान था। 2011 का वर्ल्ड कप भी विवादों से इसलिए अछूता
रहा क्योंकि उस साल पाकिस्तान में चुनाव नहीं होने थे मगर इस साल वर्ल्ड
कप के दौरान ही पाकिस्तान में चुनावी पारा चरम पर होगा। वहां के अवाम को
भारत विरोध पसंद है। मगर एक तबका ऐसा भी है जो पाकिस्तान की क्रिकेट के
ज़रिए दुनिया भर में हो रही खिल्ली से खिन्न है। वह इन चुनावों में कहीं
पाकिस्तान की इस हुकुमत की गुगली का जवाब रिवर्स स्वीप से न दे दे।
पाकिस्तान का खेलों की दुनिया में खूब मज़ाक बनता है क्योंकि वहां की
सियासत से जुड़े लोग बेहद छोटे मसलों को विवाद का विषय बनाते हैं। मसलन
पाकिस्तान के खेल मंत्री अहसान मज़ारी कह रहे हैं कि पीसीबी उनके अंडर
आता है जबकि 1995 में ही यह स्वायत्त संगठन का दर्जा कम से कम कागज़ों
में पा चुका था। इतना ही नहीं, वहां का इंटर प्रोविजनल को-आर्डिनेशन
मंत्रालय इस बात से पीसीबी से नाराज़ है कि उसने भारत में होने वाले
वर्ल्ड कप के लिए सीधे सरकार से अनुमति मांगकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया
है।
आज पाकिस्तान सरकार ने भारत में होने वाले वर्ल्ड कप की भागीदारी में
अपने खेल, कानून, विदेश, सूचना और प्रसारण, आईटी आदि मंत्रालयों सहित
कश्मीर मामलों में प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के सलाहकार और राजनयिकों की
कमिटी बनाकर अपने सबसे बड़े अल्हड़पन का परिचय दिया है। यह अपने अवाम को
अपनी ओर करने की कोशिश है जिससे अगले वर्षों तक उनकी कुर्सी बची रहे।