अनीशा कुमारी
दस साल बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी पर रहे भारतीय कप्तान रोहित शर्मा इन दिनों फॉर्म की तलाश में हैं। न अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल पा रहे हैं और न ही मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी मैच में चल पाए। जम्मू-कश्मीर के खिलाफ वह पहली पारी में तीन रन बनाकर आउट हुए। उमर नजीर ने पारस डोगरा के हाथ कैच कराया। सिर्फ रोहित ही नहीं, यशस्वी जायसवाल, श्रेयस अय्यर और आजिंक्य रहाणे का बल्ला भी नहीं चल पाया। दूसरी तरफ पंजाब और कर्नाटक के मुकाबले में शुभमन गिल भी नहीं चल पाए। दिल्ली सौराष्ट्र के मुकाबले में ऋषभ पंत भी फ्लॉप रहे।
न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में रोहित का बल्ला खामोश रहा था। वह छह पारियों में 93 रन बना सके थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी रोहित कुछ खास नहीं कर पाए थे। वह पांच पारियों में सिर्फ 31 रन बना पाए थे।
यशस्वी जायसवाल आठ गेंदों में एक चौके की मदद से चार रन ही बना पाए। जायसवाल को आकिब नबी ने एलबीडब्ल्यू आउट किया। वहीं, रहाणे 17 गेंद में दो चौकों की मदद से 12 रन बनाकर लौटे।
पंजाब की अगुवाई कर रहे शुभमन गिल कर्नाटक के खिलाफ चार रन बनाकर आउट हुए। गिल ने आठ गेंदों का सामना किया और एक चौका लगाया। सौराष्ट्र और दिल्ली के बीच चल रहे मुकाबले में पंत मात्र एक रन बनाकर लौटे। हालांकि इस मैच में सौराष्ट्र के रवींद्र जडेजा ने कमाल की वापसी की और पांच विकेट चटकाए।
रोहित, यशस्वी और श्रैयस अय्यर के फ्लॉप होने से टीम इंडिया की चिंता बढ़ गई है। ये तीनों चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम का हिस्सा हैं। भारत इस टूर्नामेंट से पहले इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज भी खेलनी है। रोहित इस सीरीज में भी कप्तानी संभालेंगे। जब अपना ही प्रदर्शन अच्छा नहीं होगा तो कैसे बाकी खिलाड़ियों का वह मनोबल बढ़ाएंगे। हालांकि भारतीय टीम के लिए रोहित का बल्ला चलना जरूरी है। अगर वह रन बनाते हैं तो भारत को एक अच्छी शुरुआत चैम्पियंस ट्रॉफी में मिलेगी।