हिमांक द्वेवेदी
किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट में टीम की जीत इस बात पर निर्भर करती है कि टीम में कितने ऑलराउंडर हैं। 1983 और 2011 के वनडे वर्ल्ड कप हों या फिर 2007 और 2024 का टी-20 वर्ल्ड कप, इन चारों टूर्नामेंटों को भारत को जिताने में ऑलराउंडरों की बड़ी भूमिका रही। चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए चुनी गई भारतीय टीम में हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल और वाशिंग्टन सुंदर जैसे ऑलराउंडरों को जगह दी गई है।
टीम में चुने गए हैं खतरनाक ऑलराउंडर
बीसीसीआई ने इस बार चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में चार ऑलराउंडरों को रखा है जिससे टीम को मिडिल ऑर्डर मजबूत दिखाई देता है। इस टूर्नामेंट में भारत अपने सभी मैच दुबई के मैदान में खेलेगा। दुबई की पिच धीमी है जहां रन बनाना बल्लेबाज़ों के लिए खासा चुनौतीपूर्ण रहने वाल है। इस पिच में तेज़ गेंदबाज़ों के साथ ही स्पिनरों को ज़्यादा मदद मिलती है। इसी को देखते हुए भारतीय सेलेक्टर्स ने टीम में रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, वाशिग्टन सुंदर और हार्दिक पांड्या जैसे अनुभवी ऑलराउंडरों को टीम में शामिल करके बल्लेबाज़ी को मजबूत किया है। हालांकि टीम की तेज़ गेंदबाज़ी में विकल्पों की कमी दिखाई देती है। टीम में तीन तेज़ गेंदबाज़ ही चुने गए हैं। उनमें भी बुमराह के लीग मैचों में खेलने को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।
ऑलरउंडर दिखाएंगे कमाल

हार्दिक पंड्या: टीम के सबसे भरोसेमंद
हार्दिक पंड्या का प्रदर्शन हाल के वर्षों में बेहतरीन रहा है। वे निचले क्रम में विस्फोटक बल्लेबाजी करने के साथ-साथ नई गेंद से विकेट निकालने में भी माहिर हैं। दिसम्बर 2024 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में उन्होंने 60 (43 गेंदों पर) और 40 (36 गेंदों पर) रन बनाए। साथ ही तीन मैचों में कुल छह विकेट चटकाए। कप्तानी के दौरान उनकी निर्णय क्षमता और ऑलराउंड योगदान ने टीम को कई मौकों पर जीत दिलाई।
हार्दिक का टी20 फॉर्म भी शानदार रहा है। नवंबर 2024 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में उन्होंने 17 गेंदों में 30 रन बनाए और चार महत्वपूर्ण विकेट चटकाए। उनका स्ट्राइक रेट 145 से अधिक का रहा, जो दिखाता है कि वे दबाव में भी बड़ी पारियां खेलने में सक्षम हैं।
अक्षर पटेल : मुश्किल हालात में बढ़िया बल्लेबाज़ी भी

अक्षर पटेल ने हाल ही में अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में शानदार सुधार किया है। उनकी हालिया फॉर्म को देखते हुए उन्हें डेल्ही कैपिटल का कप्तान भी घोषित किया गया है। इसके पहले सितंबर 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने पहले वनडे में तीन विकेट लेकर विपक्षी टीम को शुरुआती झटके दिए और 25 रन की उपयोगी पारी खेली। दूसरे मैच में उन्होंने 40* रन बनाकर टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला। टी20 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने अपने बल्ले और गेंद से टीम इंडिया को खिताब जिताने में अहम योगदान दिया था। उनकी बल्लेबाजी निचले क्रम में स्थिरता और संयम देती है, जो मुश्किल हालात में टीम के लिए वरदान साबित होती है।
वॉशिंगटन सुंदर: बॉर्डर गावसकर ट्रॉफी में दिखाया दम

वॉशिंगटन सुंदर को नई गेंद से गेंदबाजी में महारत हासिल है। हाल ही में हुई बॉर्डर गावसकर ट्रॉफी में उन्होंने पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया को फॉलो ऑन से बचाया था। उनकी बल्लेबाजी खासतौर से सातवें और आठवें क्रम पर टीम के लिए बड़ा सहारा साबित हुई है।
रवींद्र जडेजा: विरोधी भी हैं कायल

रवींद्र जडेजा भारतीय टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी फील्डिंग का कोई तोड़ नहीं है। न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए टेस्ट मैच में जडेजा ने वानखेड़े स्टेडियम में 10 विकेट चटकाए थे। हालांकि वह मैच भारतीय टीम जीत नहीं पाई थी। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी में उनके बल्ले से ज्यादा रन नहीं निकले। फिर भी उन्होंने अपने स्पिन से कई विकेट चटकाने में सफलता हासिल की थी। जडेजा का ऑलराउंड परफॉर्मेंस टीम के अन्य खिलाड़ियों को काफी मदद पहुंचा सकता है। उनका अनुभव विरोधी टीम के खेमे में खलबली मचाने के लिए काफी है
इंग्लैंड लायंस के खिलाफ मैच में भारतीय खिलाड़ियों को मिलेगा ग़लतियां सुधारने का मौका
चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम –
रोहित शर्मा (कप्तान),शुभमन गिल (उपकप्तान) विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल, सुंदर, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, अर्शदीप सिंह, यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा।