– Saba Karim
इंग्लैंड के खिलाफ एक जुलाई से शुरू होने वाले टेस्ट से पहले भारतीय टीम की मुश्किलें थम नहीं रही हैं। जहां पहले केएल राहुल इंजरी की वजह से पूरे दौरे से बाहर हो गये तो वहीं अब भारतीय कप्तान और ओपनिंग बल्लेबाज रोहित शर्मा मैच से पहले कोरोना पॉजिटिव हो गए। ऐसे में अब रोहित का इस टेस्ट मैच में खेलना भी काफी मुश्किल माना जा रहा है, जिसके बाद अब सवाल यह खड़ा होता है कि रोहित के रिप्लेसमेंट में टीम इंडिया किस अन्य बल्लेबाज को ओपनिंग में मौका देगी। हालांकि, भारतीय टीम मैनेजमेंट ने रोहित के रिप्लेसमेंट के तौर पर मयंक अग्रवाल को इंग्लैंड जरूर भेजा है लेकिन चिंता की बात यह है कि मयंक को वहां अभ्यास का पर्याप्त मौका नहीं मिल पाया है जितना इस दौरे पर मौजूद अन्य भारतीय खिलाड़ियों को मिला है। ऐसे में मेरे लिहाज से मयंक को बिना अभ्यास के ओपन करवाना भारतीय टीम के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। इसे टीम मैनेजमेंट और सेलेक्टर्स की सबसे बड़ी चूक ही कहा जाएगा क्योंकि मैनेजमेंट ने केएल राहुल के चोटिल होने के बाद किसी भी खिलाड़ी को रिप्लेसमेंट के तौर पर नहीं चुना और केवल दो ओपनर बल्लेबाज – रोहित शर्मा और शुभमन गिल के साथ भारतीय टीम को इंग्लैंड दौरे पर भेज दिया।
वहीं रोहित शर्मा की गैर-मौजूदगी में शुभमन गिल के साथ मैं चेतेश्वर पुजारा को ओपन करवाना पसंद करूंगा। वह मयंक अग्रवाल से बेहतर विकल्प हैं। नंबर तीन पर हनुमा विहारी, नंबर चार पर विराट कोहली और नंबर पांच पर श्रेयस अय्यर सही चॉयस होंगे। पिछले कुछ महीनों में पुजारा ने काउंटी क्रिकेट में खूब रन बनाए हैं और उनका डिफेंस भी काफी बेहतर है तो वह शुभमन गिल के साथ मिलकर ओपनिंग पारी को संभाल सकते हैं। वहीं हुनमा विहारी को श्रीलंका के खिलाफ खेले पिछले टेस्ट मैच में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था और उन्होंने हाफ सेंचुरी बनाई थी।
अब हालात कुछ ऐसे बन गए हैं कि टीम इंडिया के पास नए ओपनर को आजमाने के सिवाय और कोई विकल्प है भी नहीं और वैसे भी भारत के पास युवा टैलेंटेड खिलाड़ियों की कमी नहीं है और इन खिलाड़ियों को भी इंतजार रहता है कि कब उन्हें अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिले। मयंक अग्रवाल के ओपनिंग करने को लेकर उनके पक्ष में यही बात जाती है कि वह टीम के नियमित ओपनर हैं बेशक उनपर दबाव जरूर रहेगा लेकिन यह दबाव उनके साथ-साथ भारत के टॉप ऑर्डर पर भी रहने वाला है कि वह किस तरह भारत को अच्छी शुरुआत दिलाता है क्योंकि भारतीय टीम को पहली पारी में 350 से ज्यादा का स्कोर बोर्ड पर लगाना ही होगा।