भारतीय युवा ब्रिगेड इस समय ऑस्ट्रेलिया के साथ टी-20 सीरीज खेल रही है। अगले साल जून में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के मद्देनजर यह सीरीज काफी महत्त्वपूर्ण है। रोहित शर्मा और विराट कोहली के इस फॉर्मेट में अनिश्चतता को देखते हुए इस युवा टीम से कई खिलाड़ी अगले साल वर्ल्ड कप का हिस्सा हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया से हुए दो मैचों में भारतीय बैटिंग बहुत शानदार रही। ओपनर के तौर पर यशस्वी और फिनिशर रोल में रिंकू खूब जमे है। मध्य क्रम की जिम्मेदारियों को इशान और टी-20 स्पेशलिस्ट सूर्या ने बखूबी निभाया है लेकिन गेंदबाजी में इन युवा खिलाड़ियों में बहुत सुधार की गुजाइंश है।
अर्शदीप पिछले कुछ समय से बेरंग दिखे है। इस साल उन्होंने 17 मैच खेलते हुए 22 विकेट चटकाए हैं लेकिन इस दौरान 8.96 की इकॉनमी चिंताजनक है। बुमराह की अनुपस्थिति में अर्शदीप पर जिम्मेदारी बढ़ी है। नई गेंद से पॉवरप्ले में पंजाब किंग्स का यह युवा तेज गेंदबाज अभी तक साधारण साबित हुआ है। टी-20 वर्ल्ड कप रेस में बुमराह के अलावा अर्शदीप भारत के लिए पहली पसंद रहेंगे। डेथ ओवरों में अर्शदीप को कसी हुए गेंदबाजी करनी होगी और विकेट भी हासिल करने होंगे तभी वह वर्ल्ड कप रेस में बने रह सकते हैं। प्रसिद्ध कृष्णा इंजरी के चलते पिछले एक साल से ज्यादा लिमिटेड ओवर मुकाबलों में शामिल नहीं हुए हैं। राजस्थान रॉयल्स के इस तेज गेंदबाज के 81 टी-20 मैचों में आंकड़े बेहद साधारण हैं। 81 मैचों में 81 विकेट हासिल किए हैं लेकिन 8.49 का इकॉनामी निराशाजनक है। अंतरराष्ट्रीय में भी चार मैच में कृष्णा ने 9.5 की इकॉनमी से रन लुटाए हैं। प्रसिद्ध कृष्णा की आइपीएल में डेथ ओवरों में भी बहुत धुनाई हुई है।
भारतीय टीम अगर अपनी युवा ब्रिगेड के साथ अगले साल वर्ल्ड कप में उतरने वाली है तो इस तेज गेंदबाजी में सुधार की बहुत गुजाइंश है और हालिया फार्म को देखते हुए बुमराह, सिराज और शमी की तिकड़ी अगले साल टी-20 वर्ल्ड कप खेल जाएं तो बहुत हैरानगी नहीं होगी।