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प्राची कपरुवाण
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने अफगानिस्तान
क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के उस फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया है जिसमें
उसके कुछ खिलाड़ियों को आईपीएल के लिए एनओसी नहीं दी गई है।
आकाश चोपड़ा ने तीन अफगानी खिलाडी (नवीन-उल हक, मुजीब उर रहमान और फज़ल
हक फारूकी) को एनओसी ना देने के फैसले पर अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड
(एसीबी) को फटकार लगाई। दरअसल एसीबी ने यह फैसला इसलिए लिया क्योकि उसे
लगता है कि क्रिकेटर राष्ट्रीय टीम से पहले लीग को प्राथमिकता दे रहे
हैं।
ये तीन खिलाड़ी आईपीएल में अपनी-अपनी टीमों के लिए बहुत अहम भूमिका
निभाते रहे हैं और यहीं से इन्हें काफी लोकप्रियता हासिल हुई है। आकाश
चोपडा को यह लगता है कि इस फैसले की वजह से खिलाड़ियों को लीग में खेलने
के मौके नहीं मिलेंगे क्योकि वे एसीबी से नहीं बल्कि इन लीगों से ही
पॉपुलर हुए हैं। उन्होने यह भी कहा कि ये खिलाड़ी लगातार लीग में अच्छा
प्रदर्शन कर रहे हैं।
नवीन उल हक ने इस साल आईपीएल में लखनऊ सुपर जाएंट्स की ओर से खेलते हुए
आठ मैचों में 11 विकेट हासिल किए थे जबकि फज़ल हक फारुकी सनराइजर्स
हैदराबाद की ओर से खेलते हुए चार मैचों में चार विकेट ही ले पाए थे। वहीं
मुजीब किंग्स और एसआरएच के लिए चुने जा चुके हैं।
आकाश चोपड़ा ने यह भी कहा कि इन खिलाड़ियों ने देश के बाहर भी काफी
क्रिकेट खेली है। उन्हे लगता है कि इन खिलाड़ियों को दो साल तक एनओसी न
देना बोर्ड का गलत फैसला है।’ खिलाड़ी पहले ही कह चुके हैं कि उनका
ज़्यादातर समय अफ़ग़ानिस्तान के बाहर ही गुजरता है। उनसे कहा जा रहा है
कि देश के हितों को प्राथमिकता दें लेकिन अगर उनके हितों की रक्षा नहीं
की जाती है और अगर उन्हें कमाने के मौके नहीं दिए जाते हैं तो उनकी
परेशानियां बढ़ना स्वाभाविक है।
अब फ्रेंचाइजियों को आईपीएल के नए सीजन से पहले इन खिलाड़ियों के
रिप्लेसमेंट की तलाश करनी होगी। उन्होने कहा कि इस फैसले से आईपीएल की
तीन फ्रेंचाइजी लखनऊ, हैदराबाद और कोलकाता का सिरदर्द बढ़ गया है। अंतिम
समय में उनके विकल्प तलाशना मुश्किल हो सकता है लेकिन हमने अभी इस निर्णय
पर अंतिम शब्द नहीं सुना है। इस कहानी में अब भी एक मोड़ आ सकता है, जब
इन टीमों को इनके विकल्प मिलेंगे।