अनीशा कुमारी
साउथ अफ्रीका के आक्रामक तेज गेंदबाज़ कगिसो रबाडा ने डेल स्टेन, वर्नोन
फिलेंडर और मोर्ने मोर्कल जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की परम्परा को बखूबी
आगे बढ़ाने का काम किया है। या यह कहिए कि उन्होंने साउथ अफ्रीका की इस
विरासत को बखूबी आगे बढ़ाया है।
रबाडा ने सेंचुरियन में भारत के खिलाफ पहले टेस्ट के पहले दिन 500
अंतरराष्ट्रीय विकेट हासिल करने का कमाल किया। इतना ही नहीं, जब भी मैच
सेंचुरियन में होता है तो एक तरह से रबाडा की बांछे खिल जाती हैं क्योंकि
यह उनका लकी ग्राउंड है। इस मैदान पर उन्होंने आठ टेस्ट मैचों में 29.3
के औसत के साथ 55 विकेट हासिल किए हैं और चार बार पांच विकेट चटकाने का
कमाल किया है।
28 वर्षीय खिलाड़ी ने अपनी तेज गेंदबाजी से भारत के बल्लेबाजी क्रम को
धराशायी कर दिया। उन्होंने पहले दिन 17 ओवरों में 2.58 की इकॉनमी से 44
रन देकर पांच विकेट चटकाए। रोहित शर्मा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर,
रविचंद्रन अश्विन और शार्दुल ठाकुर जैसे बल्लेबाजों उन्होंने अपनी धारदार
गेंदबाज़ी से चलता किया।
वैसे साथ अफ्रीका के पास कई अच्छे गेंदबाज हैं जो टीम की सफलता में
योगदान देते रहे हैं और रबाडा ऐसे ही खिलाड़ियों में से एक हैं। रबाडा ने
218 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 24.79 के औसत और 35.19 के स्ट्राइक रेट से
500 विकेट लिए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 7/112 है।
2014 में 19 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने के बाद
से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस दौरान लगातार 150 कि.मी प्रति
घंटे की रफ्तार से अधिक की गेंदबाजी करने और स्विंग हासिल करने की उनकी
क्षमता ने उन्हें सभी फॉर्मेट के बल्लेबाजों के अंदर मुश्किलें पैदा की
हैं। उन्होंने भारत के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट सीरीज़ में 23 विकेट हासिल
किए जो एक तेज गेंदबाज के लिए एक रिकॉर्ड था और सभी फॉर्मेट में विकेटों
का सिलसिला जारी रखा जबकि टेस्ट क्रिकेट में रबाडा के ऐसे प्रदर्शनों को
खूब प्रशंसा मिलती है। उनकी सफलता लंबे फॉर्मेट तक सीमित नहीं है। वह
सफेद गेंद के क्रिकेट में भी उतने ही माहिर हैं। वनडे में पहले ही 150
विकेट का आंकड़ा पार कर चुके हैं। हर हालात के अनुकूल अपनी गेंदबाजी को
ढालना उनकी सबसे बड़ी खूबी है। शायद यह वजह है कि उन्हें आईपीएल में
भारतीय पिचों पर भी अच्छी खासी क़ामयाबी मिली है।