दिलीप वेंगसरकर भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नामों में शामिल हैं। वह टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता भी रह चुके हैं। विराट कोहली (Virat Kohli) को पहली बार टीम इंडिया में वेंगसरकर ने ही चुना था। जब धोनी को टीम को कप्तानी मिली थी, तब भी वेंगसरकर ही चयनकर्ता थे। अब दिलीप वेंगसरकर ने भारतीय चयनकर्ताओं पर सवाल खड़े किए हैं। उनके चयनकर्ताओं की समझ ले सेकर फैसलों की अलोचना की है।
पिछले दो सालों में टीम इंडिया ने शिखर धवन को वनडे में कई मौकों पर कप्तानी दी थी। रोहित, विराट और राहुल के बाहर रहने पर ऐसा किया जाता था। दिलीप वेंगसरकर ने हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि पिछले 6-7 में मैंने जिन चयनकर्ताओं को देखा है, उनमें न तो विजन है, न ही खेल के बारे में गहरी जानकारी है और न ही क्रिकेट की समझ है। उन्होंने शिखर धवन को भारत का कप्तान बनाया। यह वह समय था जहां आप भविष्य के कप्तान को तैयार कर सकते हैं।’
उनका ये भी कहना है कि भारतीय क्रिकेट बेंच स्ट्रेंथ तैयार नहीं कर पाई है। 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे वेंगसरकर ने आगे कहा, ‘आपने किसी को तैयार नहीं किया है। आप बस आते ही खेलते हैं। आप दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड की बात करते हैं, बेंच स्ट्रेंथ कहां है? केवल आईपीएल होना, मीडिया अधिकारों में करोड़ों रुपये कमाना, यह एकमात्र उपलब्धि नहीं होनी चाहिए।’
जहां तक भारत की आईसीसी ट्रॉफी के लिए सूखे का सवाल है, तो इस साल के अंत में होने वाले 50 ओवर के विश्व कप में रोहित के पास एक और मौका होगा। एमएस धोनी के नेतृत्व में चैंपियंस ट्रॉफी में इंग्लैंड को हराकर भारत ने आखिरी बार 2013 में आईसीसी ट्रॉफी जीती थी।वहीं, वेंगसरकर इस बात से काफी निराश हैं कि चयनकर्ताओं ने भारतीय टीम में कप्तान की भूमिका के लिए किसी को तैयार नहीं किया है। उन्होंने बीसीसीआई पर भी कटाक्ष किया, यह कहते हुए कि सिर्फ आईपीएल होना काफी नहीं है, आपने किसी को तैयार नहीं किया है। आप दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड की बात करते हैं, मीडिया राइट्स में करोड़ों रुपये कमाना, यह एकमात्र उपलब्धि नहीं होनी चाहिए।