भारत-इंग्लैंड सीरीज का पांचवां मुकाबला और पांचवें खिलाड़ी को इस सीरीज में भारत के लिए पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला। देवदत्त पडिक्कल बाएं हाथ के बल्लेबाज को अपना सौवां टेस्ट खेलने वाले रविचंद्रन अश्विन ने डेब्यू कैप सौंपी। इस सीरीज में रजत पाटीदार, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल, आकाशदीप सिंह और अब देवदत्त पडिक्कल को भी भारत के तरफ से पहला टेस्ट खेलने का मौका मिला। पडिक्कल भारत के लिए टी20 इंटरनेशनल में पहले खेल चुके हैं।
देवदत्त पडिक्कल ने अब तक कुल 31 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं, जिसकी 53 पारियों में उनके नाम 2227 रन हैं, जिसमें छह सेंचुरी और 12 हाफ सेंचुरी शामिल हैं। इस सीजन वह गजब की फॉर्म में हैं और भारतीय टेस्ट टीम में आने से पहले वह अपने कर्नाटक और भारत ए टीम के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में धमाल मचाकर यहां पहुंचे हैं। अपने फर्स्ट क्लास करियर में अब तक कुल छह सेंचुरी जड़ने वाले पडिक्कल ने चार सेंचुरी तो इसी सीजन में अपने नाम की हैं। उन्होंने पंजाब के खिलाफ 193 रनों की बेजोड़ पारी खेली थी। यह उनका फर्स्ट क्लास सर्वाधिक स्कोर भी है। इसके अलावा उन्होंने गोवा के खिलाफ 103 और तमिलनाडु के खिलाफ 151 रन बनाए थे। जब रणजी टॉफी के बीच में उन्हें भारतीय चयनकर्ताओं ने इंग्लैंड लॉयन्स के खिलाफ खेलने के लिए भारत ए टीम का हिस्सा बनाया तो उन्होंने यहां भी पहले मैच में 105 और दुसरे मुकाबले में 65 रन बनाए और शानदार फॉर्म दिखाया। भारत और इंग्लैंड सीरीज में विराट कोहली और केएल राहुल के बाहर होने के बाद सेलेक्टर्स ने उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में चुन लिया और धर्मशाला में उन्हें अपने टेस्ट करियर की शुरुआत का मौका मिला है। धर्मशाला में यह दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है। इससे पहले यहां साल 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली बार कोई टेस्ट मैच खेला गया था, जहां स्पिनर कुलदीप यादव ने डेब्यू किया था।
पडिक्कल को रजत पाटीदार की जगह खेलने का मौका मिला जिन्हे मैच से एक दिन पहले बाएं घुटने में इंजरी के कारण टीम में नहीं चुना गया। रजत पाटीदार ने इस सीरीज में खेले तीन मैचों में शर्मनाक प्रदर्शन किया था ऐसा माना भी जा रहा था की आखिरी टेस्ट में इन्हे बाहर किया जा सकता है। देखना दिलचस्प होगा की पडिक्कल अपने पहले मैच को किस तरह यादगार बनाते हैं।