गौतम प्रजापति

भारत ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच अनऑफिशियल सीरीज के दूसरे मैच को ऑस्ट्रेलिया ने छह विकेट से जीत लिया। इस हार के साथ कंगारूओं ने भारत ए को 2-0 हरा कर क्लीन स्वीप कर दिया। जबकि पहले मैच में इंडिया ए को सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। दूसरे टेस्ट मैच में भारत ए ने कंगारुओं को 168 रनों का लक्ष्य रखा था जिसे सलामी बल्लेबाज़ सैम कोंस्टॉस के 128 गेंदों पर नाबाद 73 रनों की मदद से कंगारुओं vs चार विकेट पर जीत हासिल कर ली।

टॉस हार कर पहले बैटिंग करने उतरी टीम इंडिया पहली पारी में 161 रनों पर आलआउट हो गई। ध्रुव जुरेल ने शानदार पारी खेलते हुए 80 रन बनाए जबकि ऑस्ट्रेलिया ए ने 223 रन बना कर 62 रन की बढ़त हासिल की।

मैच के तीसरे दिन भारत की दूसरी पारी 229 रनों पर सिमट गई। ध्रुव जुरेल ने 68 रनों की शानदार पारी खेली। उनके अलावा तनुश कोटियन ने 44, नीतीश रेड्डी ने 36 और प्रसिद्ध कृष्णा ने महत्वपूर्ण 29 रन जोड़े। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से कोरी रोच्चिचोली ने 4 विकेट चटकाए जबकि ब्यू वेबस्टर को तीन, नाथन मैकएंड्रयू को दो और मैक्स्वीनी को एक विकेट हासिल हुए।

जवाब में मेज़बान टीम ने एक समय 74 रन में चार विकेट खो दिए। इसके बाद सैम कोनस्टास और ब्यू वेबस्टर ने मैच विनिंग पार्टनरशिप की। दोनों ने मिलकर 123 बॉल पर 96 रन जोड़े और टीम को जीत दिलाई। सैम कोनस्टास ने 128 बॉल पर सात चौके और एक छक्के की मदद से 73 रन बनाए। वहीं ब्यू वेबस्टर ने 66 बॉल पर 46 रन बनाए जिसमें छह चौके शामिल थे।

प्रसिद्ध कृष्णा ने की शानदार गेंदबाज़ी
इंडिया ए 168 के दिए गए टार्गेट को डिफेंड करते हुए टीम इंडिया को शानदार शुरुआत मिली। प्रसिद्ध कृष्णा ने पारी के पहले ही ओवर में मार्कस हैरिस और कैमरून बैनक्रॉफ्ट को शून्य पर आउट किया। इसके बाद मुकेश कुमार ने अच्छे लय में दिख रहे ऑस्ट्रेलियाई कप्तान नाथन मैकस्वीनी (25) और तनुश कोटियन ने ओलिवर डेविस (21) रनों के निजी स्कोर पर आउट करके भारत को दो और सफलताएं दिलाई। हालांकि इसके बाद भारतीय गेंदबाज एक भी विकेट नहीं ले पाए।

राहुल की फॉर्म पर चिंता
के एल राहुल पिछल कुछ समय से खराब फॉर्म से गुजर रहे है जिसका असर न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में भी देखने को मिला जिसके बाद उन्हें बाकी दोनों मैच में बाहर बैठना पड़ा था जबकि उनका बांग्लादेश के खिलाफ भी ख़राब फॉर्म जारी रहा था। राहुल ने पिछले तीन टेस्ट मैचों में पांच पारियां खेलीं जिसमे मात्र एक ही हाफ सेंचुरी बना पाए जबकि एक पारी में उनकी बैटिंग नहीं आई। के एल राहुल भारत ए के लिए भी खेलते दिखे पर इसमें भी उनका खराब फॉर्म जारी रहा। ऐसे में अब सवाल यह उठने लगा है कि क्या राहुल को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खिलाना सही होगा। या फिर विकल्प की कमी का उन्हें लाभ मिल जाएगा।

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