केएल राहुल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए रवाना हो चुके है। जहां वह तीन वनडे मैचों में भारतीय टीम कि कप्तानी करने और दो टेस्ट मैचों में खेलने के लिए तैयार हैं। केएल राहुल इस सीरीज में नए रूप में दिख सकते है। अब तक राहुल टेस्ट में बतौर बल्लेबाज ही खेलते दिखे है जब टीम में ऋषभ पंत थे तब भी और उनके बिना जब टीम में के.एस भरत थे तो वही विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी रहे है। लेकिन इस सीरीज में केएल राहुल 2.0 हमे दिख सकते है।
इसकी संभावना बढ़ती जा रही है कि वह न केवल तीन वनडे मैचों में ग्लव्स संभालेंगे बल्कि टेस्ट मैचों में विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। जबकि ईशान किशन भी 16 सदस्यीय टीम में है, लेकिन राहुल विकेटकीपिंग के लिए ईशान की तुलना में पसंदीदा विकल्प होंगे, जैसा कि उन्होंने पिछले कुछ समय से वनडे में किया है। आने वाले महीनों में भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट, इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट खेलने है। इस बात के संकेत हैं कि राहुल खुद को बतौर विकेटकीपर-मध्यक्रम बल्लेबाज के रूप में खेलने के लिए इच्छुक हैं।
टेस्ट में विकेटकीपिंग का मतलब है की वह बल्लेबाजी करने मध्यक्रम में ही आएंगे। केएल राहुल ने अपने टेस्ट करियर के कुल 81 पारियों में 75 पारियों में बतौर ओपनिंग बल्लेबाज ही उतरे है। केवल पांच पारियों में नंबर तीन और एक पारी में नंबर छह पर खेले है। लेकिन वह सभी फॉर्मैट में नई भूमिका में फिट होने के लिए अपने स्ट्राइक-रेट पर काम करना होगा।
यहां तक कि आईपीएल में भी लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए, जहां उन्होंने मुख्य रूप ओपनिंग की है, राहुल के मध्यक्रम में खेलने की उम्मीद है। लखनऊ की बात करे तो टीम में क्विंटन डी कॉक,इविन लुईस,काइल मेयर्स के रूप में ओपनर के विकल्प है देवदत्त पडिक्कल भी जो राजस्थान से अब लखनऊ में आ चुके है। इसलिए केएल राहुल का मध्यक्रम में खेलना संभव हो सकता है। टी20 वर्ल्ड कप में भी विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में ईशान किशन और जितेश शर्मा को देखा जा रहा है। जिन्हे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और साउथ अफ्रीका के साथ सीरीज में परखा गया है । अगर राहुल आईपीएल 2024 में मध्यक्रम में शानदार प्रदर्शन कर देते है तो टी20 वर्ल्डकप 2024 में अपनी दावेदारी रख सकते है। केएल राहुल अपने नौ साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में 44 टेस्ट, 23 वनडे और 55 टी20ई में भारत के लिए ओपनिंग की है।