आर्यन कपूर
पर्थ की नई पिच भी उछाल और तेज गति के लिए जानी जाती है। इस मैदान पर ऑस्ट्रेलिया का दबदबा साल 2018 से कायम है जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने किसी भी टीम को आस पास भी नहीं आने दिया। अब सवाल खड़ा होता है कि पर्थ की पिच में ऐसा क्या है जिसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी टीमों को डोमिनेट करती है।
भारत समेत इन टीमों को हराया
ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ के मैदान को अपनी जीत का गढ़ बना लिया है। यह सिलसिला साल 2018 में भारत के खिलाफ जीत से शुरू हुआ था। 2019 में ऑस्ट्रेलिया ने इसी मैदान पर न्यूजीलैंड को एकतरफा मैच में 296 रनों से हराया था। 2022 में भी वेस्टइंडीज को ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ के मैदान पर 164 रनों से मात दी थी। ऑस्ट्रेलिया की सबसे जीत पर्थ के मैदान पर 2023 में पाकिस्तान के खिलाफ आई। पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया ने 360 के बड़े अंतर से पर्थ के मैदान पर धूल चटाई थी।
ऐसे में भारत के सामने ऑस्ट्रेलिया के इस किले को भेदना आसान नहीं होने वाला। इसका एक कारण भारतीय बल्लेबाजी का फॉर्म न होना भी माना जा रहा है। न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम ने घर पर तीन मैचों की सीरीज 0-3 से गंवाई थी। हालांकि भारत और ऑस्ट्रेलिया की कंडीशन में जमीन आसमान का फर्क है और भारतीय टीम अपने खराब प्रदर्शन से उबरना चाहेगी लेकिन इस सीरीज में भारत के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप भी दांव पर लगी होगी। इस सीरीज का रिजल्ट भारतीय टीम के लिए काफी कुछ साफ कर देगा।
ऑस्ट्रेलिया का क्यों रहा है दबदबा ?
ऑस्ट्रेलिया के पास शानदार पेस अटैक है पर्थ के तेज गति और उछाल वाले मैदान पर उन्हें जीतने में अहम भूमिका निभाता है। मिचेल स्टार्क, जोश हैज़लवुड, पैट कमिंस ने पाकिस्तान के खिलाफ भी पर्थ पर खेले गये अंतिम मैच में विकेट चटकाई थीं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी भी साल दर साल अच्छी रही है जिसकी वजह से पर्थ पर ऑस्ट्रेलिया की जीत का सिलसिला कायम है। ऑस्ट्रेलियाई टीम घरेलू परिस्थितियों का फायदा बखूबी उठाती है जो घर पर उनके रिकॉर्ड को और शानदार बनाता है।
इसके अलावा पर्थ की पिच पर मैच के दौरान पिच के हालात जल्दी बदलते हैं। सुबह के समय पिच पर थोड़ी अधिक नमी देखने को मिलती है जो तेज गेंदबाजों के लिए मददगार साबित होती है। दिन के समय पिच ज्यादा सूखी और तेज हो जाती है। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने इन बदलते हालातों को परखने में माहिर है जो उन्हें जीत का मजबूत दावेदार बनाती है।