साउथ अफ्रीका की मुश्किल विकेट हमेशा से भारतीय बल्लेबाजों के लिए चुनौती रही है। इस बार यह इम्तिहान रोहित और यशस्वी का था जिसमें शुभमन गिल सहित भारतीय टॉप ऑर्डर फ्लॉप साबित हुआ। सच तो यह है कि इन तीन खिलाड़ियो के विकेट गिरने से भारतीय टीम काफी दबाव में आ गई।
सेंचुरियन में पहले बल्लेबाज़ी का न्यौता पाने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और उनके पार्टनर यशस्वी जायसवाल पर एक बार फिर से बड़ी जिम्मेदारी थी। अमूमन विदेशी जमीं पर अच्छी शुरुआत टेस्ट में जीत की नींव बनाती है। रोहित ने अपने वर्ल्ड कप वाली झलक यहां भी दिखाते हुए अपनी पांचवीं गेंद पर रबाडा को बैकफुट से पाइंट पर चौका जड़ते हुए खाता खोला। रोहित का यह अंदाज आंखों के लिए सुखद था लेकिन पारी के पांचवें ओवर की अंतिम गेंद पर रोहित अपने सबसे पसंदीदा पुल शॉट को खेलते हुए फाइन लेग पर खड़े नांद्रे बर्गर को कैच थमा बैठे। पुल हमेशा से रोहित का स्कोरिंग शॉट रहा है लेकिन कई बार विपक्षी टीमें रोहित की इस मजबूती का फायदा भी उठाती हैं। इंग्लैंड के खिलाफ नाटिंघम टेस्ट में भी रोहित 36 के स्कोर पर पुल शॉट खेलते हुए आउट हुए थे तब उन्होंने अपनी रणनीति का बचाव किया था और कहा था कि रन बनाने के लिए मुझे वह शॉट खेलना जरूरी था।
रोहित के पविलियन लौटने के बाद पिच पर दो अनुभवहीन युवा बल्लेबाज मौजूद थे – शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल। रोहित के साथ उतरे यशस्वी ने पहले ओवर में ही रबाडा पर चौका जड़ा। यशस्वी नांद्रे बर्गर की बाहरी जाती गेंद पर विकेटकीपर को कैच थमा बैठे लेकिन आउट होने से पहले उन्होंने येनसेन पर दो और बर्गर पर एक चौका लगाया। शुभमन गिल की टेस्ट में खराब फॉर्म यहां भी जारी रही। 12 गेंदों की छोटी सी पारी में वह सहज नहीं दिखे। शुभमन का किस्मत ने साथ नहीं दिया। पारी के 11वें ओवर की पहली गेंद पर लेंग स्टंम्प से बाहर जाती गेंद पर वह अपना ग्लब्स लगा बैठे। अंपायर ने पहली अपील में उंगली नहीं उठाई लेकिन साउथ अफ्रीका के रीव्यू लेने पर गेंद उनके गलव्स को छूते हुए गई थी। इस विकेट के गिरते ही भारत 24 रनों पर तीन विकेट खो चुका था।