इधर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने तेवर दिखाने शुरु किए, उधर इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल ने अपना प्लान बी भी तैयार कर लिया। मंगलवार को वर्ल्ड कप का कार्यक्रम अधिकृत तौर पर रिलीज़ किया गया लेकिन पीसीबी की ओर से बयान आया कि उसका इस वर्ल्ड कप में भाग लेना उसके विदेश मंत्रालय की स्वीकृति पर निर्भर है।
पीसीबी के इस रवैये की जहां हर तरफ आलोचना की जा रही है, वहीं आईसीसी अभी तक पाकिस्तान के भाग लेने को लेकर सबको आश्वासन देता रहा लेकिन अचानक उसने इस आशय की घोषणा करके सबको चौंका दिया कि उसने पाकिस्तान टीम के वर्ल्ड कप में भाग न लेने के लिए प्लान बी तैयार किया है और वह क्वॉलिफाइंग दौर में दो टीमों के बजाय तीन टीमों को उतार सकता है।
ज़ाहिर है कि कोई भी टीम खेल से बड़ी नहीं है। बेशक वह दुनिया की नम्बर दो टीम ही क्यों न हो। इस समय क्वॉलिफाइंग दौर की स्थिति यह है कि ज़िम्बाब्वे सुपर सिक्स में छह अंकों के साथ टॉप पर है जबकि श्रीलंका चार अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। हालांकि श्रीलंका ने अभी सुपर सिक्स का अपना पहला मैच नहीं खेला है। वह क्वॉलिफाइंग दौर के चार अंकों के साथ सुपर सिक्स में पहुंची है। अब पाकिस्तान के न खेलने की स्थिति में स्कॉटलैंड और नीदरलैंड की टीमों के लिए उम्मीद जगना स्वाभाविक है। वहीं वेस्टइंडीज़ के लिए भी उम्मीद का द्वार अभी बंद नहीं हुआ है। इस टीम की बहुत बड़ी फैन-फालोइंग है। यह टीम दो बार की चैम्पियन है लेकिन क्वॉलिफाइंग दौर में ज़िम्बाब्वे और नीदरलैंड के हाथों उसे झटका लगा है। वैसे अफगानिस्तान की भी स्थिति 2019 में वेस्टइंडीज़ जैसी थी, जहां वह बिना किसी अंक के साथ सुपर सिक्स में पहुंची थी मगर उसके बाद उसने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाकर उस वर्ल्ड कप के लिए क्वॉलिफाई किया था। ज़ाहिर है कि वेस्टइंडीज़ के लिए भी अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है।
वैसे आदर्श स्थिति यह है कि पीसीबी अपनी सभी बचकानी हरकतों को छोड़कर इस वर्ल्ड कप में भाग ले क्योंकि पूरा वर्ल्ड कप एक तरफ है और भारत-पाकिस्तान मैच का रोमांच एक तरफ है। 2016 में टी-20 वर्ल्ड कप में उसे भाग लेने के लिए धर्मशाला जाना था लेकिन उसने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए वैन्यू ही बदलवा दिया था। तब यह मैच कोलकाता के ईडन गार्डन में आयोजित किया गया था। अच्छी बात यह है कि वसीम अकरम से लेकर शाहिद आफरीदी तक पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने पीसीबी के रवैये की जमकर आलोचना की है। उनका कहना है कि पीसीबी को बचकानी ज़िद छोड़कर वर्ल्ड कप खेलने भारत ज़रूर जाना चाहिए।