पैट कमिंस कप्तान के रूप में तो सफल हैं ही, अब बल्लेबाज़ों के लिए भी बन रहे मुसीबत

Date:

Share post:

 

कुछ समय पहले यह कहा जाने लगा था कि मिचेल स्टार्क और जोश हैज़लवुड के सामने पैट कमिंस फीके पड़ने लगे हैं लेकिन इस साल टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी करके अपने आलोचकों को माकूल जवाब दिया है। आज आलम यह है कि अपने 57वें टेस्ट में वह पाकिस्तान के खिलाफ दस विकेट चटकाने में सफल रहे और अपनी टीम को मेलबर्न में उन्होंने शानदार जीत दिलाई।

पिछले दिनों कमिंस ने लीड्स टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ सात विकेट चटकाए थे लेकिन इसके बावजूद वह अपनी टीम को जीत नहीं दिला पाए थे। मगर मेलबर्न के मैदान पर कमिंस के कुछ अलग ही इरादे थे। यहां उन्होंने दोनों पारियों में पांच-पांच विकेट हासिल करके मैच को ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में कर दिया। हालांकि जिस समय मोहम्मद रिज़वान और आगा सलमान की जोड़ी छठे विकेट के लिए 57 रनों की पार्टनरशिप करके खतरनाक साबित हो रही थी, उस समय उन्होंने रिजवान को आउट करके मैच का नक्शा ही पलट दिया। देखते ही देखते आगा सलमान को स्टार्क ने आउट करके पाकिस्तान की रही सही उम्मीद को भी खत्म कर दिया।

कमिंस ने मेलबर्न में ज़्यादा ध्यान लेंग्थ गेंदबाज़ी पर केंद्रित किया। बीच-बीच में दिशा में बदलाव और राउंड द विकेट आने से उनकी गेंदबाज़ी में काफी विविधता देखने को मिली। इमाम और शान मसूद को उन्होंने राउंड द विकेट से आकर पविलियन भेजा। इमाम उनकी सीम मूवमेंट को समझ नहीं पाए और थोड़ी सी दिशा बदलते ही उस गेंद को फॉरवर्ड डिफेंस खेलने चले गए। टॉप ऑफ लेग स्टम्प पर दिशा बदलने का उन्हें फायदा हुआ और इमाम को उन्होंने इस रणनीति से चलता कर दिया। शान मसूद को उन्होने शॉट खेलने के लिए मजबूर किया। मोहम्मद रिज़वान तो उनकी लेंग्थ को ही पढ़ नहीं पाए। पहली पारी में सधी हुई पारी खेलने वाले आमेर जमाल के पास सिवाय बल्ला अड़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।

इससे पहले कमिंस ने पहली पारी में कुल दसवीं बार पांच विकेट लेने का कमाल किया और पाकिस्तान के बल्लेबाज़ों को इस पारी में भी जमने नहीं दिया। खासकर बाबर आज़म को उन्होंने जिस तरह इनवर्ड सीम मूवमेंट से फंसाया, वह काबिलेतारीफ था। रिजवान और आगा सलमान को अपनी फुलर लेंग्थ गेंदों पर उन्होंने छकाकर आउट किया। सच तो यह है कि कमिंस बल्लेबाज़ को ग़लती करने के लिए मजबूर कर देते हैं। यही वजह है कि उन्हें जितनी कामयाबी इस मैच में मिली, उससे ऐसा लगने लगा कि स्टार्क और हैज़लवुड उनके साथ सपोर्टिंग रोल में हैं।

कमिंस अपनी टीम के अन्य दो तेज़ गेंदबाज़ों की तुलना में अकेले ऐसे गेंदबाज़ हैं जो लीग क्रिकेट मं काफी सक्रिय रहे हैं। लीग में वह बल्लेबाज़ी में भी क़ामयाब रहे हैं। फर्क इतना है कि टेस्ट क्रिकेट में लेंग्थ से ज़्यादा लाइन में बदलाव करने के साथ ही वह अन्य तेज़ गेंदबाज़ों की तुलना में ज़्यादा सफल रहते हैं। इसके अलावा अगर उन्हें उछाल लेती पिच मिल जाए तो वह कहर बरपाते हैं। मैच के बाद उन्होने इस बात को स्वीकार भी किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Harry Brook created history with his triple century

Vishwas Puri England’s Youngster Harry Brook did brilliant with his bat after scoring a whacking triple century on the day...

Is Nitish Kumar Reddy the pace all rounder Indian team is in hunt for?

Vishwas Puri India’s new all-rounder, Nitish Kumar Reddy, earned a lot of admiration today on account of his complete all-round...

Ratan Tata and his beneficence in cricket

Vishwas Puri Our country lost the “Titan” Ratan Tata at the age of 86. He took his last breath on...

The double century partnership of Brook and root pushes England near to 500

Vishwas Puri The approach of England made them bounce back on the third day of the first test match...