नमन गर्ग
भारत के साथ अपने घरेलू ज़मीं पर होने वाले टेस्ट सीरीज़ में आम तौर पर चर्चा भारतीय स्पिनरों की होती है लेकिन इस बार चर्चा बांग्लादेश के स्पिनरों की अधिक हो रही है। हाल में भारतीय बल्लेबाज़ों के स्पिनरों के सामने फंसना इसकी बड़ी वजह है।
वैसे भारतीय बल्लेबाज आमतौर पर स्पिनरों को अच्छा खेलते हैं लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों में ऐसा देखा गया है कि जहां पिच स्पिनरों के अनुकूल होती है वहां भारतीय बल्लेबाज संघर्ष करते दिखते हैं। यह कमी श्रीलंका के खिलाफ पिछली वनडे सीरीज़ में भी दिखी थी, जहां श्रीलंका के युवा स्पिनरों के सामने भारतीय बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए थे और भारत 240-250 का स्कोर भी चेज नहीं कर पाया था। यही चुनौती बांग्लादेश के तीनों स्पिनर – शाकिब, मेहदी और तेजुल इस्लाम भारत के बल्लेबाजों के सामने रख सकते हैं क्योंकि तीनों बहुत अनुभवी हैं और वह जानते हैं कि बड़े बल्लेबाजों को अपने स्पिन के जाल में फसाना कैसे है।
तीनों स्पिनरों की अलग-अलग खूबी है जैसे तेजुल इस्लाम हवा में लटका कर बल्लेबाजों को चकमा देते हैं और बल्लेबाजों को ड्राइव करने का मौका देते हैं ताकि वह स्लिप में उन्हें कैच करवा सकें। शाकिब थोड़ा तेज गति रखते हैं ताकि बल्लेबाजों को स्पिन पररखने में ज्यादा समय ना मिले जिससे वह स्पिन की गति में चकमा खा जाए और मेहंदी हसन मिराज की एक खासियत है कि उन्हें यह दोनों खूबियां आती है कि कैसे बल्लेबाजों को ललचाना है और कैसे स्पिन की गति में बल्लेबाजों को चकमा देना है। भारतीय बल्लेबाजों को बांग्लादेश स्पिनरों की तो चुनौती रहेगी, साथ में चेन्नई में खेलने की एक अलग चुनौती रहेगी क्योंकि चेन्नई में ज्यादातर विकेट स्पिनर लेते हैं। टीम इंडिया इंग्लैंड से 2021 में टेस्ट सीरीज में चेन्नई टेस्ट हार गई थी, जहां जो रूट की भी डबल सेंचुरी आई थी। हालांकि अगले तीन टेस्ट जीतकर भारत 3-1 से सीरीज अपने नाम की थी। भारतीय क्रिकेट फैंस यही आशा रखेंगे कि भारतीय बल्लेबाज स्पिन की परीक्षा में सीरीज खत्म होने के बाद सफल होकर बाहर निकले।