आशीष मिश्रा
बिग बैश लीग में ब्रिसबेन हीट और आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स। दोनों टीमें हैं मौजूदा चैम्पियन। ब्रिसबेन हीट ने सिडनी सिक्सर्स को हराकर खिताब का 11 सालों का सूखा खत्म किया तो वहीं चेन्नई सुपर किंग्स ने गुजरात टाइटंस को पिछले साल आईपीएल में हराकर वापसी की। वैसे तो ये दोनों लीग अलग-अलग देशो में खेले जाने वाली लीग हैं लेकिन इन लीग में खेलने वाली इन दो टीमों के फाइनल जीतने की कहानी मिलती जुलती है। जहां चेन्नई सुपर किंग्स ने गुजरात टाइटंस को उसी के होम ग्राउंड अहमदाबाद में हराया तो वहीं ब्रिसबेन हीट ने सिडनी सिक्सर्स को उसी के होम ग्राउंड सिडनी में हराकर बिग बैश लीग का खिताब जीता।
दोनों टीम की जीत में अहम योगदान उनके सलामी बल्लेबाजों का रहा। फाइनल में जहां चेन्नई के लिए डेविड कॉन्वे ने ताबड़तोड़ 47 रन की पारी खेली, वहीं जोश ब्राउन ने तेजी से 53 रन बनाकर ब्रिस्बेन हीट को शानदार शुरुआत दिलाई। दोनों टीमों में ऑलराउंडरों की भरमार है जिससे मैच के मुश्किल समय में दोनों टीमों के पास कई विकल्प मौजूद रहते हैं। जहां ब्रिस्बेन हीट में माइकल नेसर और पॉल वाल्टर हैं तो वहीं चेन्नई सुपर किंग्स में रवींद्र जडेजा और शिवम दूबे ने गेंद और बल्ले से टीम को फाइनल जीतने में अपना योगदान दिया।
आईपीएल 2023 में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा डेविड कॉन्वे ने 16 मैचों में 51 के औसत से 672 रन बनाए थे वहीं बिग बैश में ब्रिस्बेन हीट के लिए जोश ब्राउन ने 366 रन ठोके। गेंदबाजी में चेन्नई के लिए तुषार देशपांडे 21 और रवींद्र जडेजा ने 20 विकेट झटके, वहीं ब्रिसबेन हीट के लिए एक्ससी बार्टलेट 20 विकेट लेकर टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने।
ब्रिसबेन हीट के कप्तान नाथन मैकस्वीनी युवा कप्तान हैं जिन्होंने पिछले साल ही टीम की कप्तानी संभाली है। नाथन ने बतौर कप्तान दूसरे ही साल टीम को चैंपियन बनाकर टीम के फैसले को सही साबित कर दिखाया। दूसरी तरफ चेन्नई
सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी दिग्गज खिलाड़ी होने के साथ शानदार कप्तान रहे हैं। उन्होंने 2008 से ही टीम की कमान संभाली और टीम को पांच बार आईपीएल की विजेता टीम बनाया है।
दोनों टीमों की ताकत और कमजोरी पर नजर डाली जाए तो चेन्नई सुपर किंग्स की ताकत हमेशा से ही उसकी बल्लेबाजी रही है, वहीं ब्रिस्बेन हीट के लिए उनकी सबसे बड़ी ताकत उसकी तेज गेंदबाजी है। अगर दोनों टीमों को अगला सीजन भी
जीतना है तो उन्हें अपनी कमजोरी पर काम करना होगा। चेन्नई की कमज़ोरी तेज गेंदबाजी है। उसके मु्ख्य तेज गेंदबाज दीपक चाहर और तुषार देशपांडे को अच्छी गेंदबाजी करनी होगी। दीपक चाहर का रोल इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि वह टीम को शुरुआती विकेट दिलाने के लिए जाने जाते हैं लेकिन कभी-कभी महंगे साबित हो जाते हैं। ब्रिसबेन हीट को भी अपनी बल्लेबाजी मजबूत करनी होगी। जोश ब्रउन के अलावा उनका कोई भी बल्लेबाज पूरे सीजन में कुछ खास नहीं कर पाया था। दोनों टीमें एकजुट होकर आक्रामक अंदाज़ में खेलती हैं। चेन्नई के महेंद्र सिंह धोनी और रवींद्र जडेजा को अगर छोड़ दें तो दोनो टीमों में कोई बड़ा नाम नजर नहीं आता लेकिन टीम एकजुट होकर खेलती है और यही इन दोनों टीमों की सबसे बड़ी खासियत है।