अनीशा कुमारी

बीसीसीआई ने नई गाइडलाइन जारी की हैं जिसमें खिलाड़ियों की पत्नियों और परिवार के सदस्यों के लिए विदेश दौरे के दौरान समय सीमा तय की गई है। खिलाड़ियों को व्यक्तिगत रूप से यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें पूरी टीम के साथ ही यात्रा करना होगा।

टेस्ट क्रिकेट में भारत के खराब परफॉरमेंस को देखते हुए मुंबई में बीसीसीआई की समीक्षा बैठक के बाद यह फैसला लिया गया कि खिलाड़ियों 45 दिन से अधिक के विदेशी दौरे पर जाने पर पत्नी और परिवार को 14 दिन और इससे कम दिनों के दौरे के लिए उन्हें सात दिन तक साथ रखा जा सकता है। दरअसल पिछले दिनों न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत को 0-3 से और ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा।

बीसीसीआई ने परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए दौरे पर खिलाड़ियों के साथ जाने वाले परिवार पर रोक लगाई है। यह फैसला मुंबई में बीसीसीआई की समीक्षा बैठक के बाद लिया गया, जिसमें बोर्ड के अधिकारी, मुख्य कोच गौतम गंभीर, अजित आगरकर और कप्तान रोहित शर्मा शामिल हुए।

रिपोर्ट के मुताबिक पुराने नियम को दोबारा लागू करने का फैसला किया गया है।  कोविड-19 के दौरान बीसीसीआई ने इस नियम को अपनाया था। बीसीसीआई ने मुंबई कार्यालय में बताया कि दौरे के दौरान पत्नी अथवा परिवार के सदस्यों को भारतीय टीम के खिलाड़ियों के साथ यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

बोर्ड के अधिकारियों का मानना है कि दौरे के दौरान खिलाड़ियों के साथ रहने से  खासकर आईसीसी
टूर्नामेंट में उनके परफॉरमेंस पर असर पड़ता है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज़ के दौरान कई क्रिकेटरों की पत्नी अथवा परिवार उनके साथ ऑस्ट्रेलिया में थे।

बीसीसीआई ने भी सख्त नियम बनाते हुए कहा कि किसी भी खिलाड़ी को टीम से अलग हटकर यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बोर्ड के अधिकारियों ने देखा कि पिछले कुछ वर्षों में कुछ भारतीय खिलाड़ियों ने टीम बस के साथ जाने के बजाय अलग से यात्रा की थी। टीम की एकता को ध्यान में रखते हुए अब सभी खिलाड़ी टीम बस से ही यात्रा करेंगे। चाहे वह कितना भी बड़ा खिलाड़ी क्यों न हो, उसे अलग से यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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