रविवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होने वाले फाइनल के लिए दोनों टीमे- भारत और ऑस्ट्रेलिया तैयार हैं। भारत जहां ऑस्ट्रेलिया को हराकर 20 साल पुराना बदला और तीसरी बार चैंपियन बनने की पूरी कोशश करेगा वहीं ऑस्ट्रेलिया छठी बार खिताब पर कब्जा जमाने के लिए उतरेगा। दोनों टीमो के मिशन “वर्ल्ड कप” के लिए ये तीन आपसी मुकाबले निर्णायक साबित हो सकते हैं-
रोहित शर्मा Vs स्टार्क
पॉवरप्ले में भारतीय कप्तान के आक्रामक इरादों ने टीम में एक अलग जान फूंक दी है। रोहित की ताबड़तोड़ शुरुआत ने भारत के लिए मजबूत बल्लेबाजी प्रदर्शन की नीव रखी है। रोहित शर्मा ने पहले दस ओवरों में 133.08 के शानदार स्ट्राइक रेट से बैटिंग की है। लेफ्ट आर्म स्टार्क की गति 36 वर्षीय खिलाड़ी को परेशान कर सकती है क्योंकि इस ढंग के गेंदबाजों के सामने रोहित इस टूर्नामेंट में दो बार आउट हो चुके हैं और खासकर उनकी अंदर आती गेंदें रोहित के लिए परेशानी का सबब बन सकती हैं। हालाकि मुंबई के इस बल्लेबाज ने लेफ्ट आर्म पेसरों की धुनाई भी खूब की है। स्टार्क का इस बार पॉवरप्ले में प्रदर्शन साधारण रहा है जहां उन्होंने मात्र पांच विकेट ही हासिल किए हैं। स्टार्क 2015 में मैक्कुलम की तरह यहां रोहित को जल्दी आउट करके भारत को झटका देने की कोशिश करेंगे।
कोहली Vs हैज़लवुड
भारत की रन-मशीन को जोश हैज़लवुड की सटीक लाइन और लेंग्थ के खिलाफ कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ सकता है। दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने वनडे में विराट कोहली को आठ पारियों में पांच बार आउट किया है। कोहली ने हेज़लवुड के खिलाफ 88 गेंदों पर 51 रन बनाए हैं। दोनों टीमों जब अपने पहले मैच में चेन्नई में भिड़ी थीं। तब हैज़लवुड ने शॉर्ट बॉल के साथ कोहली पर लगभग पकड़ बना ली थी लेकिन मिशेल मार्श से वह कैच छूट गया। वह कैच महंगा साबित हुआ क्योंकि कोहली ने एक मुश्किल रन-चेज़ में भारत को जीत दिलाई थी। हैज़लवुड एक बार फिर से कोहली की परीक्षा के लिए तैयार होंगे।
भारतीय पेस Vs ऑस्ट्रेलियाई शीर्ष क्रम
पॉवरप्ले में ऑस्ट्रेलिया टूर्नामेंट में दूसरी सबसे तेज स्कोरिंग करने वाली टीम है और इसी को देखते हुए शुरुआती ओवरों में भारतीय तेज गेंदबाज वॉर्नर और ट्रेविस हैड को कैसे गेंदबाजी करते हैं, यह महत्वपूर्ण होगा। भारत का पेस आक्रामण अभी सर्वश्रेष्ठ फार्म में हैं और इस टूर्नामेंट में पहले 10 ओवरों में दूसरे सबसे अधिक विकेट हासिल किए हैं। जसप्रीत बुमराह कभी भी वार्नर को वनडे में आउट नहीं कर पाए हैं। फाइनल जैसे बड़े मौके पर बुमराह इस अनचाहे रिकॉर्ड को तोड़ने की कोशिश करेंगे। बुमराह के मुकाबले शमी वॉर्नर पर भारी पड़े हैं और तीन बार उन्हें आउट किया है। भारतीय गेंदबाजों की दूसरी नज़र वॉर्नर के साथी ट्रेविस हेड पर होगी जो अपने आक्रामक रवैये से भारत पर हावी होने की कोशिश करेंगे। हैड ने भारत के खिलाफ टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में धुआंधार सेंचुरी जड़ी थी जिससे भारत दबाव में आया और फिर हार भी गया था।