क्या ये वर्ल्ड कप जीतने की आहट है। क्या टीम इंडिया का अटैक दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनने के करीब है। क्या हमने अपनी तमाम मूलभूत कमज़ोरियों से निजात पा ली है….इनमें पहली दो बातें दमदार होती नज़र आ रही हैं। बाकी कमज़ोरियों पर निजात पाने पर चर्चा फिर कभी क्योंकि ये जश्न मनाने का वक्त है।
बहरहाल सच यह है कि टीम इंडिया ने दो देशों से अधिक का कोई टूर्नामेंट पांच साल बाद अपने नाम कर लिया है। अब आईसीसी ट्रॉफी के दस साल के सूखे को समाप्त करने की बारी है, जिसका करोड़ों भारतीय बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।
कुछ दिन पहले ही कई दिग्गजों ने कहा था कि टीम इंडिया इस बार वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाएगी लेकिन इस हैरतअंगेज प्रदर्शन ने इन आलोचकों को अपनी पुरानी टिप्पणी पर फिर से सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। ये वही मोहम्मद सीराज हैं जो कभी महंगे साबित हुआ करते थे लेकिन टीम इंडिया के तत्कालीन कप्तान विराट कोहली ने उनके अंदर छिपी प्रतिभा को बहुत पहले पहचान लिया था। आज वह गर्व कर रहे होंगे कि जिस पर भरोसा किया, वह आज एशिया कप का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला गेंदबाज़ बन गया। जिसने एशिया कप में अपना करियर बेस्ट दिया। जो पहले दस ओवर में सबसे अधिक विकेट चटकाने वाला भारतीय गेंदबाज़ और एक ओवर में चार विकेट चटकाने वाला इकलौता भारतीय बना। वाकई समरविक्रमा को इनस्विंगर पर तो धनंजय को सीम मूवमेंट पर आउट करके सीराज ने दिखा दिया कि उनकी गेंदबाज़ी में कितनी धार और विविधता है।
इसी पिच पर रोहित शर्मा भी पहले बल्लेबाज़ी करना चाहते थे। मगर उन्हें क्या पता था कि बारिश इस कदर खेल बिगाड़ देगी कि कुछ गेंदें उम्मीद से नीची रहेंगी जैसे कि शनाका के साथ हुआ। सीराज की इस लहराती गेंद पर शनाका मिडिल स्टम्प को ही कवर करते रहे गए और गेंद उनका ऑफ स्टम्प ले उड़ी। अच्छी बात यह भी है कि टीम इंडिया सही समय पर पीक पर पहुंची है। छह या आठ महीने पहले पीक पर आकर अक्सर हमने टीमों को मौके पर गिरते देखा है। ज़रूरत इस कामयाबी को सहेजकर रखने और इसे बरकरार रखने की है।
कभी पाकिस्तान के अटैक के सामने 356 का स्कोर और फिर 228 रन से जीत, श्रीलंका को 50 पर समेटकर दस विकेट से जीत क्या भारत को वर्ल्ड कप के सम्भावित दावेदारों की कतार में खड़ा नहीं करती। क्या हार्दिक पांड्या की गेंदबाज़ी में हुए निखार से ऐसा नहीं लगता कि बुमराह और सीराज के साथ टीम इंडिया को एक मुकम्मल अटैक मिल गया है। स्पिन मोर्चे पर कुलदीप यादव को हाल में मिली रिकॉर्डतोड़ क़ामयाबी भारत के दावे को और भी पुख्ता करती है। अभी जडेजा की ओर से वह सब आना बाकी है, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। शुभमन गिल को बांग्लादेश के खिलाफ सेंचुरी लगाने के बाद ज़बर्दस्त कॉन्फिडेंस आया है जो फाइनल में उनके कवर ड़्राइव के रूप में दिखाई दिया। ईशान अपने चिरपरिचित अंदाज में गेंद को कट करते दिखे और दोनों ने भारत को दस विकेट की जीत की औपचारिकता भी पूरी कर दी। आज इंडिया न्यूज़ की उस मुहिम पर भी मोहर लग गई कि कप हमारा है।