आयुषी सिंह
ऑस्ट्रेलिया में पिछले दिनों बोर्डर-गावसकर ट्रॉफी के दौरान गौतम गंभीर और दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल के बीच बना तनाव इन दिनों खूब चर्चा का विषय बना हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार यह घटना तब हुई, जब गंभीर ने एक मुकाबले में मैदान पर मॉर्कल को फटकार लगाई। इस घटना के बाद से इन दोनों के बीच सीरीज में तनाव बन गया।
यह घटना उस समय की है, जब मोर्ने मॉर्कल मैदान पर किसी निजी मीटिंग के कारण देर से पहुंचे। तब अपने सख्त मिजाज़ के लिए जाने जाने वाले गंभीर ने मोर्कल को मैदान पर फटकार लगाई। इसके बाद मोर्कल पूरे दौरे के दौरान शांत दिखे। उनकी तरफ से टीम के लिए अहम इनपुट भी नहीं मिल पाए।
सूत्रों के अनुसार इस घटना के बारे में बीसीसीआई के अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है, जिसे जल्द ही सुलझाया जाएगा।
बीसीसीआई की समीक्षा बैठक में उठा मामला
11 जनवरी को बीसीसीआई की समीक्षा बैठक में इस घटना पर भी चर्चा हुई। बोर्ड ने टीम के सपोर्ट स्टाफ की परफॉर्मेंस पर गहरी नजर डालते हुए उनके कार्यकाल की समीक्षा की। रिपोर्ट के मुताबिक बैटिंग कोच अभिषेक नायर और असिस्टेंट कोच रयान टेन डोएश्टे की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। गंभीर की कोचिंग में टीम के बैटिंग कोच अभिषेक नायर टीम को नई रणनीति और मार्गदर्शन देने में असफल माने जा रहे हैं।
कहासुनी के बाद रिश्तों में तनाव
गंभीर और मोर्कल के बीच लंबे समय से अच्छे रिश्ते रहे हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दोनों के बीच तनाव का असर टीम पर भी पड़ा। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि दोनों को चैम्पियंस ट्रॉफी से पहले अपने मतभेद सुलझाने होंगे।
बीसीसीआई बनाएगी कोच के लिए नए नियम
बीसीसीआई अब कोचिंग स्टाफ के लिए 2-3 साल के छोटे कॉन्ट्रैक्ट पर विचार कर रही है ताकि जवाबदेही तय की जा सके। बीसीसीआई के सूत्र ने बताया कि बोर्ड को लगता है कि लंबे कार्यकाल के कारण कोचों की मनमानी देखने को मिल सकती है, जिसका असर टीम पर उल्टा पड़ता है। हलांकि साइड-आर्म थ्रोडाउन कोच जैसे एक्स्पर्ट्स ने टीम के लिए अच्छा योगदान दिया है।
चैम्पियंस ट्रॉफी की तैयारी के निर्देश
पाकिस्तान और दुबई में आयोजित होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी के मद्देनजर बीसीसीआई ने वरिष्ठ खिलाड़ियों से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। बोर्ड का मुख्य उद्देश्य सपोर्ट स्टाफ को मजबूत करना और टीम के प्रदर्शन को ग्लोबल लेवल पर बेहतर बनाना है।