गौतम प्रजापति


ऑस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ी और कप्तान रह चुके रिकी पॉन्टिंग ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट में क्रांति लाने में विराट कोहली की बड़ी भूमिका है।  बतौर कप्तान कोहली ने भारत में क्रिकेट खलने के तरीके को बदलने में कोहली का अहम भूमिका निभाई है। पॉन्टिंग ने यह भी कहा कि भारत के बल्लेबाज अब बड़े मंच पर खेलने से नहीं डरते जिसका सबूत विदेशों में चुनौतीपूर्ण हालात में उनकी सफलता है।

पॉन्टिंग ने कहा कि कोहली की कप्तानी में जिस तरह के खेल की शुरुआत थी, उसे द्रविड़ ने पिछले चार सालों में इसे जारी रखा है। टीम में ऐसे व्यक्ति का प्रभाव बहुत अच्छा होगा और उनके पास स्टार खिलाड़ी हैं। कोहली की कप्तानी में भारत ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाली पहली एशियाई टीम बनी थी। इसके अलावा उसने अन्य जगहों पर भी कुछ यादगार जीत दर्ज की। अपनी आक्रामक कप्तानी से कोहली ने सभी को यह विश्वास दिलाया कि भारतीय टीम विदेशों में भी जीत सकती है और जब वह टीम में नहीं थे तब भी उनका आत्मविश्वास ही टीम के लिए कारगर साबित हुआ।

कोहली की कप्तानी में भारत ने 68 टेस्ट में से 40 मैच जीते और 17 हारे जबकि 11 ड्रॉ रहे। कोहली लंबे समय से रोहित शर्मा की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेंगे। उनकी तेज़ गेंदबाज़ी की गहराई बहुत बढ़िया है। पिछले छह-सात वर्षों में उनका नेतृत्व मजबूत रहा है।

पॉन्टिंग ने आईपीएल की भी प्रशंसा


पॉन्टिंग ने इंडियन प्रीमियर लीग की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि आईपीएल निडर क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को तैयार करता है। साथ ही खिलाड़ियों को आक्रामक तरीके से खेलना सिखाता है जिससे उनका मनोबल बढ़ता है और यह उनके लिए विश्व कप जैसा है।

पॉन्टिंग ने कहा कि उनके बल्लेबाज़ बहुत आक्रामक शॉट्स खेलने वाले खिलाड़ी हैं और वे असफल होने से नहीं डरते। ऑस्ट्रेलियाई टीम 2014-15 में घरेलू मैदान पर अपनी आखिरी सीरीज़ जीत के बाद से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने में विफल रही है। तब से भारतीयों ने लगातार चार मौकों पर यह ट्रॉफी जीती है जिसमें से दो-दो बार घरेलू मैदान पर और दो बार विदेशी मैदान पर जीत दर्ज की है।

पिछली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रही यादगार


पॉन्टिंग ने 2020-21 में हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को याद करते हुए कहा कि भारत का पिछला दौरा शानदार रहा था, जब भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। उस दौरान कोहली अपनी बेटी वामिका के जन्म की वजह से पहले मैच के बाद भारत वापस लौट गए थे जिसके बाद उप-कप्तान आजिंक्य रहाणे ने कप्तानी की और उनकी कप्तानी में भारत ने इंजरी और प्रमुख खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में 2-1 से ऐतिहासिक सीरीज़ जीत हासिल की।

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