बेशक अफगानिस्तान ने इस वर्ल्ड कप में खूब प्रभावित किया हो लेकिन पिछले मैच में स्पिनरों की हुई धुनाई जहां कई सवाल खड़े करती है, वहीं अगले मैच में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज़ी को भी सीख लेने की ज़रूरत है। ये बल्लेबाज़ भारत के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करते हुए जूझते हुए दिखाई दिए थे। वैसे साउथ अफ्रीका के लिए यह अच्छा ही है कि वह पहले ही सेमीफाइनल का टिकट पक्का कर चुका है और सेमीफाइनल से पहले अफगानिस्तान से हार उसके आत्मविश्वास को करारा झटका देगी।अफगानिस्तान प्रोटियाज के मुकाबले कमजोर टीम है लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि इसी खूंख्वार बल्लेबाजों से भरी हुई साउथ अफ्रीका टीम को नीदरलैंड ने हराया था और भारत के खिलाफ 326 के जवाब में यह टीम मात्र 83 रनों पर ढेर हो चुकी है। इस वर्ल्ड कप में पहले बल्लेबाजी करते हुए इस टीम को रोकना असंभव साबित हुआ है लेकिन लक्ष्य का पीछा करने में साउथ अफ्रीका दो मुकाबले हारा है और पाकिस्तान से मैच में भी वह हार के कगार पर था। मतलब, यह टीम रनचेज में फिसड्डी रही है और उसकी इसी कमज़ोरी का अफगानिस्तान फायदा उठा सकता है। अगर लक्ष्य का पीछा करने टेम्बा बावूमा की टीम उतरती है तो इस बल्लेबाजी यूनिट को सुनिश्चत करना होगा सेमीफाइनल से पहले उसे मानसिक तौर पर कोई नुकसान न हो।
क्विंटन डिकॉक इस वर्ल्ड कप के सबसे सफल बल्लेबाज रहे हैं और 550 रनों के अलावा वह चार सेंचुरी भी जड़ चुके हैं। इस विकेट कीपर बल्लेबाज के पास रोहित शर्मा के रिकॉर्ड एक वर्ल्ड कप में पांच सेंचुरी की बराबरी करने का मौका होगा। डी कॉक के अलावा रॉसी वन डर डूसैन और एडेन मार्करम पर मध्य क्रम की जिम्मेदारी होगी। हेनरिक क्लासेन और डेविड मिलर की जोड़ी इस वर्ल्ड कप में अंतिम दस ओवरों में बहुत खतरनाक रही है लेकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए यह आक्रामक जोड़ी भी टीम को जीत दिलाने में असफल रही है। अफगानिस्तान के खिलाफ मौका मिलने पर दक्षिण अफ्रीका रनों का सफल चेज कर विरोधियों को चेतावनी देना चाहेगा।