रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही सीरीज के दोनों मुकाबलों में प्रभावित किया है। इंदौर में खेले गए दूसरे मैच में अश्विन ने तीन विकेट लिए, जिसमे एक ही ओवर में दो विकट भी शामिल थे। इस सीरीज के दो मैचों में अश्विन ने 22 के औसत से 4 विकेट लिए है। यह ऑफ स्पिनर बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ कितना असरदार है, यह बताने की जरुरत नही है।
यह अश्विन का ही खौफ था कि ऑस्ट्रेलियाई ओपनर डेविड वार्नर उनके सामने एक मौके पर दाएं हाथ से बल्लेबाजी करते दिखे लेकिन स्विच हिट के प्रयास में एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। भारतीय टीम को वर्ल्ड कप में गेंदबाजी विविधता के लिए एक ऑफ स्पिनर की जरुरत है और इसके लिए रविचंद्रन अश्विन से बेहतर विकल्प फिलहाल उपलब्ध नहीं है। अश्विन का अनुभव, गेंदबाज़ी में चपलता और बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ आंकड़े उन्हें अक्षर से बेहतर विकल्प बनाते हैं। हाल के वर्षों में अक्षर पटेल भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं। 2022 में गुजरात के इस आलरांउडर ने 8 वनडे खेलकर 10 विकेट हासिल किए और इस साल 8 ही मैच में 59 की औसत से 4 विकेट लिए हैं। आकड़े तो यही दिखाते हैं कि गुजरात के इस खिलाड़ी का गेंद से प्रदर्शन 2023 में औसत रहा है। अक्षर पटेल और रवींद्र जड़ेजा के साथ टीम में होने से भारतीय गेंदबाजी को वह विविधता नहीं मिल पाएगी जो अश्विन दे सकते है। बेशक, अक्षर पटेल बैट से ज्यादा कारगर हैं लेकिन गेंदबाजी पक्ष की मजबूती के लिए अश्विन को तरजीह देना ज्यादा मुनासिब है।
तमिलनाडु के इस खिलाड़ी की उपयोगिता इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि निचले क्रम में अश्विन अन्य खिलाड़ियों की अपेक्षा बेहतर स्पिन खेलते हैं। वर्ल्ड कप भारतीय उपमहाद्वीप में हो रहा है जिनमें चेन्नई और लखनऊ के धीमें विकेटों पर भारतीय टीम को खेलना है। इन मैदानों पर कप्तान रोहित शर्मा तीन स्पिनरों के साथ जा सकते है जिनमें कुलदीप और जडेजा के अलावा तीसरे फिरकी गेंदबाज के रुप में अक्षर पटेल को देखा जा रहा था लेकिन एशिया कप में इंजरी और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन ने अश्विन के लिए एक बार फिर से वर्ल्ड कप के दरवाजे उनके लिए खोल दिए हैं।