गौतम प्रजापति

विराट कोहली ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी के बारे में बात की जिसमें उन्होंने बताया कि उस मैच में शतक बनाना उनके लिए एक शानदार अनुभव था। उनका कहा कि ऑस्ट्रेलिया की पिच पर जहां अक्सर बल्लेबाजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है वहां शतक बनाना एक बड़ी उपलब्धि होती है। कोहली ने अपने आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती के बारे में कहा कि वह उस वक़्त इसको मजबूत रखने की कोशिश में जुटे हुए थे जिससे उनको उस पारी को खेलने में मदद मिली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते समय उनका लिए यह एक निर्णायक क्षण था जिसने उनके क्रिकेट करियर में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया।

विराट कोहली का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ प्रदर्शन

विराट कोहली का ऑस्ट्रेलिया में प्रदर्शन हमेशा ही शानदार रहा है और उन्हें वहां खेलना पसंद भी है लेकिन वहां का खेल भारतीय क्रिकेट के इतिहास में विशेष स्थान रखता है। ऑस्ट्रेलिया की कठिन पिचों और गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ उनकी बल्लेबाजी का स्तर हमेशा उच्च रहा है जबकि कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कई शतक और अर्धशतक लगाए हैं जो उनकी तकनीकी मजबूती और मानसिकता को दर्शाता है। 2018-19 के दौरे में उनका प्रदर्शन विशेष रूप से खास और यादगार रहा, जहां उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में शतक बनाए थे।

2014 में कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में शानदार शतक बनाया, जो उनके करियर का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इस दौरे के दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर अपनी बल्लेबाजी में नयापन दिखाया और दुनिया भर में अपनी बल्लेबाजी की काबिलियत को साबित किया।

हालांकि कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे और टी20 मैचों में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। खासकर 2016 के टी20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी पारी को काफी सराहा गया था जहां उन्होंने दबाव में आते हुए मैच जिताऊ रन बनाये।

विराट कोहली ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अपने करियर के दौरान कई यादगार पारी खेली हैं। उन्होंने भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण रन बनाए और इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी में अपनी बल्लेबाजी की क्षमता और तकनीकी से मजबूत बल्लेबाजी और मानसिक मजबूती ने उन्हें इस प्रतियोगिता में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।

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