विश्व क्रिकेट को क्लासेन के रूप में मिला आखिरी ओवरों का बेखौफ बल्लेबाज़

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पिछले साल लखनऊ में और पांच साल पहले जोहानिसबर्ग में जिस तरह हैनरिक
क्लासेन ने भारत के खिलाफ शानदार बल्लेबाज़ी से अपनी टीम को मैच जिताए
थे, उस वक्त किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह खिलाड़ी वर्ल्ड कप में आखिरी
ओवरों का सुपर स्टार साबित होगा और दुनिया भर के गेंदबाज़ों पर उनकी दहशत
दिखाई देगी।

इस वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ पिछले मैच में सेंचुरी और अब
बांग्लादेश के खिलाफ सेंचुरी के बेहद करीब तक पहुंचना, यही ज़ाहिर करता
है कि इस बल्लेबाज़ के प्रदर्शन में निरंतरता है। स्पिन को बखूबी खेलने
की लियाकत है और महेंद्र सिंह धोनी की तरह यॉर्कर गेंदों की धुनाई करने
की कूवत भी है। हालांकि हसन महमूद की स्लोअर बाउंसर पर वह विराट कोहली की
तरह छक्का लगाने की कोशिश में सेंचुरी पूरी नहीं कर पाए लेकिन वह तब तक
अपनी टीम को सुरक्षित स्थिति में पहुंचा चुके थे। उन्होंने चौकों से
ज़्यादा छक्कों से डील किया। उनके स्कोरिंग ज़ोन काऊ कॉर्नर, लांग ऑन,
लांग ऑफ हैं। साथ ही स्लॉट में या फुलर लेंग्थ की गेंद मिलते ही वह
गेंदबाज़ के ऊपर से छक्का लगाने में भी कोई कोताही नहीं बरतते। वह थोड़ा
लेट खेलते हैं जिसका उन्हें फायदा मिलता है और साथ ही गेंदबाज़ की ग्रिप
को पढ़ने में भी मदद मिलती है। उनके सामने बांग्लादेश का कोई भी गेंदबाज़
नहीं टिक पाया। अगर उन्हें रोकने के लिए यॉर्कर लाइन की लेंग्थ की कोशिश
की गई, वहां भी उन्होंने बैकफुट पर बाउंड्री लगाने में कोई देरी नहीं की।
वाकई क्लासेन की क्लास दिखाई दी इस पारी में।

यह क्लासेन के बल्ले से आया ऐसा तूफान था, जिसमें बांग्लादेश की
गेंदबाज़ी के परखच्चे उड़ गए। आलम यह था कि वह डेविड मिलर के साथ 25
गेंदों पर 65 रन की भागीदारी के दौरान रन गति को पांचवें गेयर पर ले गए।
नतीजा यह था कि साउथ अफ्रीका उनकी बल्लेबाज़ी की बदौलत लगातार दूसरे मैच
में आखिरी दस ओवरों में 140 प्लस का स्कोर खड़ा करने में सफल हो गया।

भारत की पिचों को वह भली भांति पढ़ चुके हैं। आईपीएल में एक समय उन्हें
स्टीव स्मिथ की जगह राजस्थान रॉयल्स की टीम में शामिल किया गया था। इसके
बाद वह आरसीबी की टीम में भी चुने गए। कुछ साल पहले उन्हें भारत दौरे पर
क्विंटन डिकॉक की जगह ही मौका मिला था लेकिन उन्हें एक मैच में 27 गेंदों
पर 43 रन की पारी खेलकर मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार हासिल
हुआ। इसी तरह भारत के खिलाफ सेंचुरियन में टी-20 मुक़ाबले में उनकी 30
गेंदों पर 69 रन की पारी ने समां बांध दिया। इसी वैन्यू पर इस साल
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस साल उन्होंने 83 गेंदों पर 174 रन की पारी खेलकर
तहलका मचा दिया। इस साल आईपीएल में उन्होंने जिस तरह से स्पिन बॉलिंग के
खिलाफ तेज़ी से बेखौफ रन बनाए, वह काबिलेतारीफ था।

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