अनीशा कुमारी
भारतीय टीम के पास फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर के बहुत ही सीमित विकल्प हैं। इस समय हार्दिक पांड्या के कवर के रूप में शिवम दूबे, नीतीश रेड्डी, और शार्दुल ठाकुर हैं। बड़े टूर्नामेंट में जहां नामी खिलाङी टीम में कुछ बङ़ा नहीं कर पाते, वहीं ये खिलाङियों ने अपना जलवा दिखाया है।
शार्दुल ठाकुर रणजी ट्रॉफी में मुंबई की जब आधी टीम पविलियन लौट चुकी थी, तब उन्होंने हाफ सेंचुरी बनाई जिसकी मदद से टीम ने 100 रनों का आंकड़ा पार किया। वह 57 गेंदों पर 51 रन बनाए। इस दौरान पांच चौके और दो छक्के लगाए। इस तरह मुंबई ने 33.2 ओवरों में ऑल आउट होने तक 120 रन बनाए। वह इससे पहले भी कई मौकों पर शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। शार्दुल बॉलिंग के साथ-साथ बैटिंग में भी कई बार कमाल कर चुके हैं।
शिवम दूबे ने अफगानिस्तान के खिलाफ T20 सीरीज में शानदार प्रदर्शन करके टीम इंडिया में अपना दावा ठोक दिया था टी20 वर्लड कप के लो-स्कोरिंग मैचों में उन्होंने कई उपयोगी पारियां खेलीं। वहीं नीतीश रेड्डी ने बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खेली गई सीरीज के चौथे टेस्ट में अंतरराष्ट्रीय करियर की पहली सेंचुरी भी जड़ दी थी। वह ज़रूरत पड़ने पर उपयोगी मध्यम गति की तेज़ गेंदबाज़ी भी करते हैं लेकिन उन्हें अभी अपनी गेंदबाज़ी में सुधार की ज़रूरत है।
नीतीश रेड्डी और शिवम दूबे गेंदबाज़ी के मामले में शार्दुल ठाकुर के मुकाबले काफी पीछे है। शार्दुल ठाकुर के पास भारतीय टीम में खेलने का अनुभव ज्यादा है। वनडे करियर में शार्दुल के नाम 65 विकेट हैं। शिवम दूबे के नाम वनडे में एक ही विकेट है। नीतीश रेड्डी ने अब तक भारत के लिए वनडे नहीं खेला है।
शार्दुल ठाकुर की गेंदबाज़ी में अच्छी खासी स्विंग है, जिससे वह टीम के फ्रंटलाइन बॉलर्स के लिए काफी मददगार साबित होते हैं। 2021 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे में उन्होंने कई उपयोगी पारियां भी खेलीं।