पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क और जोश हैजलवुड की तिकड़ी वर्ल्ड कप में अभी तक
फीकी रही है। सेमीफाइनल से पहले बांग्लादेश के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई पेस
बॉलिंग के पास लय में लौटने का सुनहरा मौका होगा। न्यूज़ीलैंड की
श्रीलंका पर जीत से यह लगभग तय है कि सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया साउथ
अफ्रीका से भिड़ेगा और प्रोटियाज की खतरनाक बैटिंग लाइन अप को देखते हुए
कंगारू टीम केवल एडम ज़ैम्पा के भरोसे नहीं रह सकती। ज़ैम्पा को दूसरे
छोर से मदद बिना साउथ अफ्रीका को काबू करना मुश्किल रहेगा और हर मैच में
मैक्सवेल से करिश्माई पारी की उम्मीद नहीं की जा सकती।
स्टार्क ने इस टूर्नामेंट में 43.90 की औसत और 6.55 की महंगी इकॉनमी के
साथ 10 विकेट हासिल किए है। इस प्रदर्शन के साथ स्टार्क अपनी फॉर्म में
लौटने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इस लेफ्ट आर्म पेसर ने पिछले
पांच मैचों में सिर्फ पांच विकेट चटकाए हैं और अफगानिस्तान के खिलाफ तो
ने 9 ओवरों में ही 70 रन लुटा दिए। जहां स्टार्क बल्लेबाजों को शुरुआती
ओवरों में परेशान नहीं कर सके हैं वहीं डेथ ओवरों में वह साधारण साबित
हुए हैं। यदि ऑस्ट्रेलिया को छठा खिताब जीतना है तो स्टार्क को अपने
सर्वश्रेष्ठ में फिर से लौटना होगा और इसके लिए बाएं हाथ की तेज गेंदबाजी
के खिलाफ कमजोर बांग्लादेश से बेहतर मौका नहीं मिलने वाला।
टेस्ट में बेस्ट पैट कमिंस अभी तक वर्ल्ड कप में जूझते दिखे हैं। आठ मैच
में 10 विकेट और 6.04 की इकॉनमी। हालांकि यह प्रदर्शन उतना बुरा नहीं है
लेकिन उनके कद के मुताबिक नहीं है। कमिंस की गेंदों को बहुत जल्द पढ़ा जा
रहा है जिसके कारण वह टेस्ट जैसा प्रभाव वनडे में नहीं छोड़ पाए हैं।
जोश हैजलवुड अपने दोनों साथियों से बेहतर रहे हैं। आठ मैचों में उन्होंने
12 विकेट चटकाए हैं, जिसमें उनका इकॉनमी 5.22 रहा है जो स्टार्क (6.55)
और कमिंस (6.04) से बहुत बेहतर है। हैजलवुड ने अपनी करीब 70 फीसदी गेंदें
हार्ड लेंथ में की हैं और हर पांच स्टॉक गेंदों के में एक बाउंसर।
हैजलवुड कसी लाइनलेंथ से बल्लेबाजों पर शिकंजा कसते हैं लेकिन दूसरे छोर
से स्टार्क और कमिंस इसका फायदा नहीं उठा पाते हैं। बांग्लादेश के खिलाफ
ऑस्ट्रेलिया अपनी गेंदबाजी की कमियों को दुरुस्त कर सेमीफाइनल में उतरना
चाहेगी।