~हर्ष राज
इस वर्ल्ड कप में भारत और साउथ अफ्रीका के स्पिनरों ने काफी प्रभावित किया है। भारत के पास जहां लेफ्ट आर्म चाइनामैन कुलदीप यादव और बाएं हाथ के आर्थोडॉक्स स्पिनर रवीद्र जडेजा ने अपनी ज़िम्मेदारी को बखूबी संभाला है, वही साउथ अफ्रीका की उम्मीद लेफ्ट आर्म स्पिनर केशव महाराज और तबरेज शम्सी पर टिकी है।
कुलदीप यादव ने जहां अब तक सात मैचों में दस और जडेजा ने सात मैचों में नौ विकेट हासिल किए है। वहीं केशव महाराज ने छह मैचों में 11 और तबरेज शम्सी ने दो मैचों में छह विकेट हासिल किए है।
वैसे कोलकाता में अब तक खेले गए वर्ल्ड कप के दो मैचों में ज़्यादा रन नहीं बने हैं। यहां स्पिनरों को भी तेज़ गेंदबाज़ों की तरह ही क़ामयाबी मिली है। यह खासकर केशव महाराज और कुलदीप यादव के लिए अच्छी खबर है। दोनों फ्रंटलाइन स्पिनर हैं। यह दोनों टीमों के कप्तानों पर निर्भर करेगा कि वे इनका किस तरह से इस्तेमाल करते हैं।
कौन किस पर कितना भारी ? कुलदीप यादव रनों पर नियंत्रण रखते हैं। इस बार उनकी गेंदबाज़ी में गति भी दिखाई दे रही है। यानी बल्लेबाज़ को बहुत कम समय मिल पाता है। इसीलिए दस ओवर में चार से भी कम की इकोनॉमी रेट से वह बल्लेबाज़ों के लिए परेशानी का सबब रहे हैं। जब उनकी गेंद आखिरी क्षणों में टर्न होती है तो वह बल्लेबाज़ों के लिए और भी बड़ी परेशानी खड़ी कर देते हैं। वहीं जडेजा को भी अच्छा खासा अनुभव है। किस वक्त कैसी गेंदबाजी करनी है, इसका उन्हें अच्छा अनुभव है और यह अनुभव इन दिनों उनकी गेंदबाज़ी में बखूबी दिख रहा है। दूसरी ओर केशव महाराज भी उंगलियों के इस्तेमाल से बल्लेबाज़ों के हिसाब से गेंदबाज़ी करते हैं और इस वर्ल्ड कप में वह टीम की स्पिन बॉलिंग में सबसे बड़ी ताक़त हैं। वहीं तबरेज शम्सी भी कुलदीप यादव जैसे लेफ्टआर्म चाइनामैन हैं। उन्हें मौके कम मिले हैं लेकिन जितने मिले हैं, उनमें उन्होंने काफी प्रभावित किया है।