– रीतेंदर सिंह सोढी :
आईपीएल फाइनल में गुजरात टाइटंस की जीत सिर्फ जीत नहीं है बल्कि यह कुछ
ऐसी है कि इस पर किसी ने कभी सोचा भी नहीं था। यह टीम नई थी। टीम के पास
काफी नए खिलाड़ी थे। टीम का कप्तान भी नया था लेकिन फिर भी इस टूर्नामेंट
में टीम ने जिस तरह विपरीत हालात को चुनौती देकर क्रिकेट खेली है, वह
वास्तव में अविश्वसनीय है।
गुजरात ने दिखा दिया कि अगर आप संगठित होकर खेलते हैं तो इस दुनिया की
कोई भी चीज़ आपको आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती। हर एक खिलाड़ी ने अपनी एक
अलग छवि बनाई। टीम को जब-जब ज़रुरत पड़ी तब-तब कोई ना कोई खिलाड़ी आगे
आया और उसने जीत का बीड़ा अपने कंधों पर उठाया और टीम को जिताकर ही दम
लिया। चाहे वह शुभमन गिल हों या ऋद्धिमान साहा हो, फिरकी के उस्ताद राशिद
खान हो, फिनिशिंग रोल में डेविड मिलर या राहुल तेवतिया हों या चाहे खुद
कप्तान हार्दिक पांडया ही क्यों न हों जिन्होंने टीम की ज़िम्मेदारी अपने
कंधों पर उठाई और बल्ले और गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन कर दिखाया।
बड़ी चीज़ यह है कि इस टीम में कोई बहुत बड़ा नाम नहीं था। आधे से
ज़्यादा खिलाड़ियों में अनुभव की कमी थी। यही खिलाड़ी भविष्य में टीम
इंडिया के लिए भी खेलना चाहते हैं और जिस तरह का प्रदर्शन करके इन
खिलाड़ियों ने उम्मीद जगाई है, उससे यह साफ तौर पर लगने लगा है कि एक न
एक दिन ये खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए ज़रुर खेलेंगे। कप्तान हार्दिक भी
भारतीय टीम से काफी समय से दूर हैं लेकिन उनकी जितनी तारीफ की जाए कम हैं
क्योंकि उन्होंने जिस तरह की कप्तानी और खेल का प्रदर्शन किया है,
आलोचकों का मुंह बंद कर उन्होंने सीधा भारतीय टीम के दरवाज़े पर दस्तक
देकर वापसी की है। हार्दिक ने इस आईपीएल के प्रदर्शन से टी-20 वर्ल्ड कप
के लिए भी फॉर्म दिखाई है।
हार्दिक से कुछ समय पहले तक जिस प्रदर्शन की उम्मीद की जाती थी वह इस बार
देखने को मिला। शानदार कप्तानी करना और अपने संसाधनों का बेहतरीन
इस्तेमाल करना उनकी कप्तानी की सबसे बड़ी खासियत रही। पहले ही प्रयास में
इस टीम का आईपीएल खिताब जीतना काबिलेतारीफ बात है। आखिर में मैं इस टीम
को मुबारकबाद देता हूं और साथ ही हमारी इस टीम से उम्मीदें भी बढ़ गई हैं
कि उसका ऐसा ही प्रदर्शन अगले वर्षों में भी दिखाई दे।

(लेखक टीम इंडिया के लिए पूर्व सदस्य रह चुके हैं)